ब्रिटेन में कुत्ते की चोरी इस कदर बढ़ गई है कि सरकार अब इसके चोरों के लिए नया कानून ला रही है। इस कानून के तहत कुत्ते के चोरों को सात साल तक की सजा हो सकती है।
ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल ने कहा कि एक पालतू जानवर की चोरी करना बड़ा अपराध है। पीड़ित परिवारों को बहुत ही भावनात्मक समस्या का सामना करना पड़ता है। नया कानून यह बताता है कि पालतू जानवर किसी संपत्ति से कहीं अधिक है। यह पीड़ितों को न्याय दिलाने में कारगर होगा।
नए कानून के अनुसार मालिक कुत्ते को पुलिस के पास पंजीकृत करा सकते हैं। इसका डीएनए डाटाबेस तैयार होगा। जिससे कुत्ते की चोरी होने के बाद उसका पता लगाना आसान होगा और अपराधियों को सजा मिल सकती है। अभी कई मामलों में चोर तो पकड़े गए हैं लेकिन सख्त कानून नहीं होने की वजह से अधिकांश जेल जाने से बच गए।
पहले कोविड लॉकडाउन के दौरान कुत्तों की मांगों में काफी इजाफा देखने को मिला, जिससे संगठित गिरोहों ने कुत्तों की चोरी शुरू कर दिया और उसे ज्यादा कीमतों पर बेचने लगे।
ब्रिटेन में पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि चोरी किए गए पांच कुत्तों में से केवल एक ही वापस मिल पाते हैं। जबकि 1 फीसदी से भी कम मामलों में मुकदमा चलाया जाता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में इंग्लैंड और वेल्स में पुलिस को कुत्ते की चोरी के 1,504 शिकायतें मिली है। कुत्ते चोरी के मामले में तब भी वृद्धि देखी गई, जब लॉकडाउन के दौरान अन्य आपराधिक मामलों में भारी गिरवाट दर्ज की गई थी।
मार्च में एक चैरिटी संस्था डॉगलॉस्ट ने कहा कि इस अपराध में 170 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। 2019 में 172 पालतू जानवरों की चोरी हुई थी, जबकि 2020 में 465 जानवरों की चोरी हुई है। इस दौरान एक पिल्ले के लिए औसत 1875 पौंड का भुगतान किया गया था जबकि 2019 में यह 810 पौंड था।
ब्रिटने में सख्त कानून इसलिए भी लाया जा रहा है ताकि ये संदेश जाए कि पालतू जानवर, चोरी में खो जाने वाले लैपटॉप या फोन की तुलना में अपने मालिकों के लिए अधिक मायने रखते हैं। कुत्ते जब अपने परिवार से बिछड़ते हैं तो उन्हें भी बुरा महसूस होता होगा।
