दिल्ली पुलिस ने जीटीबी एन्क्लेव मर्डर केस की गुत्थी को सुलझा लिया है। पुलिस ने व्यापारी के कलेक्शन एंजेट (नकदी इकट्ठा करने वाला व्यक्ति) की हत्या करने वाले दोनों आऱोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, मई में शाहदरा के जीटीबी एन्क्लेव में एक व्यापारी के कलेक्शन एंजेट को लूटने के बाद आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए जांच में जुटी थी। आरोपियों को खोजने के लिए दिल्ली पुलिस ने लगभग दो सप्ताह तक 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित 800 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को स्कैन किया। जिसके बाद उन्हें एक ऐसा सुराग मिला जिसने केस को सॉल्व कर दिया। वह सुराग था एक लाल ई-रिक्शा और उसके एक यात्री के गले में बंधा हुआ एक सफेद रूमाल।

12 मई को हुई थी हत्या

दरअसल, 12 मई की शाम को करीब 7:40 बजे पुलिस को कुछ अज्ञात लोगों ने कॉल कर एक व्यक्ति की हत्या के संबंध में सूचना दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, स्क्रैप का बिजनेस करने वाले एक व्यवसायी के 53 साल के कर्मचारी दिनेश शर्मा को दिन दहाड़े गोली मारी गई थी। लोगों ने जब दिनेश शर्मा को देखा तो वह खून से लथपथ था। उसे फौरन जीटीबी अस्पताल ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। जांच में यह बात सामने आई कि वह एक बैग में नकदी ले जा रहा था। उसे लूटने के लिए आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया था।

डीसीपी (शाहदरा) रोहित मीणा ने कहा कि टीम ने घटना स्थल का विश्लेषण किया और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच करनी शुरू कर दी। इसी बीच पता चला कि दो अच्छे कद काठी के आरोपियों ने अपराध को अंजाम दिया था। उनके पास हथियार थे। लोगों ने यह भी बताया कि घटना के समय उनके पास कोई फोन नहीं था। इसके बाद पुलिस टीम ने घटनास्थल से लेकर झिलमिल और शास्त्री पार्क तक के सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू कर दिए।

लाल रिक्शा और सफेद रूमाल बना सुराग

एक अधिकारी ने कहा कि हमें गुप्त सूचना मिली थी कि दोनों पकड़े जाने से बचने के लिए वे ज्यादातर ई-रिक्शा से यात्रा करते थे। वे कई जगह ई-रिक्शा को बदलते रहते थे। इसके बाद 12 दिनों में हमने करीब 800 से अधिक कैमरों की जांच की। हमें एक प्रत्यक्षदर्शी से सूचना मिली कि अपराधी अपने गले में सफेद रूमाल पहने हुए था। जिसका उपयोग वह अपराध को अंजाम देते समय अपना चेहरा ढंकने के लिए करता था। इसके बाद हमने फुटेज के जरिए ई-रिक्शा में रूमाल बांधे हुए व्यक्तियों की तलाश शुरू कर दी। हमें एक फुटेज मिला जिसमें लाल रंग का ई-रिक्शा शास्त्री पार्क से गुजरता हुआ दिखाई दे रहा था। जिसमें सफेद रुमाल बांधे हुए एक व्यक्ति अन्य यात्रियों के साथ बैठा हुआ था।

डीसीपी ने कहा कि ई-रिक्शा के जरिए पुलिस अंसारी रोड स्थित एक लॉजिस्टिक कंपनी के गोदाम में गए। दोनों पहले वहीं पर काम करे थे। पूछताछ करने पर पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी यूपी के गोंडा जिले में हैं। मई के अंत में गोंडा में एक शराब की दुकान पर छापेमारी के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनकी पहचान रामतेज वर्मा और राम आशीष वर्मा के रूप में हुई। पूछताछ में रामतेज ने बताया कि शुरू में वह और उसका साथी रात के समय पेड़ काटकर सागवान की लकड़ी की तस्करी करते थे। बाद में अधिक पैसा कमाने के लिए उन्होंने शहरों में डकैती डालनी शुरू कर दी।