दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 500 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले में दो आरोपियों आशीष गुप्ता और कपिल कुमार को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह दोनों आरोपी एएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर के पूर्व सीएमडी और निदेशक हैं। पुलिस के मुताबिक, इन पर अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर 543 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है। इन आरोपियों को निचली अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था।
किसने की शिकायत: इस मामले में दिल्ली के पूठ कलां निवासी सूर्या सोलंकी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि एएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर ने उन्हें ग्रेटर नोएडा, यूपी में स्थित अपनी परियोजना में इकाइयों के आवंटन में निवेश करने के लिए कहा था। शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों ने साल 2006 से 2009 के बीच कुल 93.12 लाख रुपये का निवेश किया था।
पैसे लेकर बंद कर दी थी परियोजना: शिकायतकर्ता के मुताबिक, कथित कंपनी ने निवेशक द्वारा किए गए पैसों पर 12% रिटर्न देने का वादा किया था। इस मामले में संज्ञान लेने के बाद तत्काल मामला दर्ज किया गया था और फिर जांच शुरू की गई। जांच में पाया गया कि आरोपित कंपनी ने 3000 से अधिक ग्राहकों और फ्लैट खरीदारों से करीब 543 करोड़ रुपये की ठगी की है। कंपनी ने लोगों से पैसे इकट्ठा करने के बाद कथित तौर पर परियोजना को बंद कर दिया था।
ऐसे दिया था निवेशकों को झांसा: इस केस में शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज किए गए, जिससे पता चला कि आरोपियों ने अन्य सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर लोगों को कमर्शियल व आवासीय इकाइयों को आवंटित करने का लालच दिया था। फिर झांसे में लेकर लोगों से निवेश कराया था। यही नहीं आरोपितों ने लोगों को पास हुए जमीन के नक्शों और भविष्य में मिलने वाली सुविधाओं से भी अवगत कराया था, जिसे कुछ तस्वीरों में दिखाया गया था।
दस्तावेजों से खुला मामला: इस जांच में आरोपी कंपनी के बैंक अकाउंट स्टेटमेंट निकाले गए। जिससे पता चला कि शिकायतकर्ता के बयान और उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज परियोजना में निवेश व अन्य अनियमितताओं की पुष्टि करते हैं। इसके अलावा, कंपनी के कागज ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से भी जुटाए गए। इन कागजों की जांच में सामने आया कि घोटाले की समयावधि के दौरान आरोपी व्यक्ति और अन्य व्यक्ति कंपनी में निदेशक/शेयरधारक बने रहे थे।