दिल्ली में दोस्त ने ही 32 साल के योगेश की हत्या की थी। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी का नाम शशांक सिंह है। रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित दक्षिण दिल्ली के मूलचंद से लापता हो गया था। पुलिस ने लापता होने के 26 दिन बाद बुधवार को द्वारका के सेक्टर 14बी के एक नाले से उसका शव बरामद किया। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट के अनुसार आरोपी ने दोस्त से सेक्सुअल फेवर की मांग की थी। जब पीड़ित ने यौन संबंध बनाने से इनकार कर दिया तो वह गुस्से में आ गया और उसकी हत्या कर दी।

इस मामले में डीसीपी (दक्षिण) चंदन चौधरी ने कहा कि पीड़ित 9 जुलाई को लापता हो गया था। 14 जुलाई को उसके पिता के पास 20 लाख रुपये की फिरौती से संबंधित फोन आया था। 15 लाख रुपये पर बात फिक्स हुई थी। पिता ने अम्बेडकर नगर पुलिस स्टेशन में अपहरण का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने खोजबीन शुरू की तो पता चला कि पीड़ित और आरोपी शशांक सिंह पहले से एक-दूसरे को जानते थे।

रिपोर्ट के अनुसार, दोनों की मुलाकात 20 जून की एक पार्टी में हुई थी। इसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई और वे 5-6 बार मिले थे। डीसीपी ने कहा कि पीड़ित नौकरी की तलाश कर रहा था और शशांक उसकी मदद कर रहा था। उसने योगेश को मिलने के लिए मूलचंद के पास बुलाया था। 9 जुलाई को दोनों मिले और शशांक की कार में बैठकर द्वारका के लिए रवाना हो गए। इसके बाद शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करने पर योगेश की हत्या कर दी गई।

मॉल से खरीदा बीयर और पिज्जा

मामले की जांच कर रही ग्रेटर कैलाश पुलिस की एक टीम ने सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया और दोनों को द्वारका के एक मॉल के पास पिज्जा खरीदते हुए देखा। जिसका बिल पीड़ित ने भरा था। पुलिस ने कहा कि उन्होंने बीयर भी खरीदी और फिर सेक्टर 14 में एक सुनसान जगह पर चले गए। वहां उन्होंने बीयर पी। बीयर पीने के बाद आरोपी ने पीड़ित से सेक्सुअल फेवर मांगा जिसे लेकर दोनों के बीच बहस हुई। इसके बाद शशांक ने अपने दोस्त की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद उसने शव को एक सूटकेस में पैक किया और नाले में फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पिस्तौल बिहार में अपने एक दोस्त से खरीदी थी।

मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने खुलासा किया कि शशांक ने अपनी कार साफ की और खून से सना सामान यमुना नदी में फेंक दिया। 12 जुलाई को उसने अपनी पिस्तौल नदी में फेंक दी। आरोपी ने एमबीए किया है इसलिए उसे पता था कि लापता व्यक्ति का विवरण पुलिस की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इसके बाद उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए 13 जुलाई को एक सिम कार्ड खरीदा और पीड़ित के पिता को फोन करके फिरौती की मांग की। उसने ऐसे कई कॉल किए लेकिन जब परिवार ने उससे अपहरण का सबूत मांगा तो उसने फोन काट दिया।

सीसीटीवी की मदद से पकड़ में आया आरोपी

इसके बाद पुलिस को यह जानकारी मिली कि शशांक ने हत्या के बाद नोएडा के एक एटीएम से 27,000 रुपये निकाले थे। पैसे निकालते समय उसने हेलमेट पहना था। एटीएम के फुटेज में शशांक स्कूटर पर आते हुए दिखाई दे रहा है। फुटेज की बैकट्रैकिंग पुलिस को सनलाइट कॉलोनी तक ले गई जहां शशांक को आखिरकार बुधवार सुबह हिरासत में ले लिया गया। उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है। पुलिस ने शशांक से फर्जी आईडी पर खरीदे गए सिम वाले 14 मोबाइल फोन, स्कूटर और कार बरामद कर ली है। पीड़ित के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अपहरण के मामले में समय पर कार्रवाई नहीं की जिससे उनके बेटे की मौत हो गई हालांकि पुलिस ने इस आरोप का खंडन किया है।