दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में बुधवार, 31 अगस्त को चार बदमाशों ने कथित तौर पर पुलिसकर्मी बनकर दो कूरियर कंपनी के अधिकारियों को लूट लिया। इस वारदात में लुटेरों ने उनकी आंखों में मिर्च पाउडर फेंककर करीब 4 करोड़ रुपये की लूट को अंजाम दिया और फिर फरार हो गए थे।

पुलिस ने खंगाले 200 CCTV, 100 डिजिटल ट्रांजैक्शन

दिल्ली पुलिस ने 4 करोड़ रुपये की लूट के मामले को सुलझाने के लिए 24 घंटे में करीब 200 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले और करीब 100 डिजिटल ट्रांजैक्शन सहित कई सुराग जुटाए, जिसके बाद जयपुर से वारदात में शामिल चार लोगों को धर लिया। दिलचस्प बात यह कि इन सभी की गिरफ्तारी में 100 रुपए के पेटीएम लेन-देन का बड़ा रोल रहा।

पुलिस के अनुसार, इस मामले में शिकायतकर्ता एक निजी कूरियर कंपनी में काम करता है, जो ज्वैलरी और अन्य बेशकीमती सामानों को डिलीवर करने का काम करता है। बुधवार सुबह करीब साढ़े चार बजे शिकायतकर्ता अपने साथी के साथ चंडीगढ़-लुधियाना के लिए अपने दफ्तर से बाहर निकले थे, तभी चारों आरोपियों ने उन्हें रोक लिया था।

चाय की पेमेंट करने के लिए कैब वाले से लिए थे 100 रुपये

जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में पाया कि शिकायतकर्ता की 15 दिनों से रेकी की जा रही थी। फुटेज में दिखा कि एक आरोपी दुकान पर चाय पी रहा था, फिर उसने एक कैब वाले से बात करने लगा। पुलिस ने पूछताछ की तो चाय वाले ने बताया कि उसके पास पैसे नहीं थे, इसलिए उसने एक कैब वाले को 100 रुपए ऑनलाइन भेजे और कैश लेकर चाय वाले को पैसे दिए थे।

ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से पुलिस ने जोड़े वारदात के तार

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि, जांच में पुलिस टीम ने उस कैब चालक को ढूंढा और लेन-देन करने वाले आरोपी की पूरी डिटेल निकाली। फिर उस ट्रांजैक्शन डिटेल की पेटीएम हेड ऑफिस से पता चला कि आरोपी नजफगढ़ का रहने वाला है। इसी सिलसिले में जब पुलिस टीम उन्हें पकड़ने नजफगढ़ गई तो सभी आरोपी भाग निकले, हालांकि, सर्विलांस की मदद से सभी को ट्रेस कर लिया कर जयपुर से पकड़ लिया गया।

डीसीपी (सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट) श्वेता चौहान ने कहा कि बरामद हुई आभूषणों की खेप की कीमत शिकायतकर्ता के मुताबिक करीब 4 करोड़ रुपए बताई गई है लेकिन हम अभी जांच कर रहे हैं, क्योंकि यह खेप कूरियर कंपनी को मुंबई, अहमदाबाद, सूरत समेत कई अन्य जगहों से मिली थी। ऐसे में पूरी कीमत जांच के बाद ही पता चल पाएगी।