देश के मोस्टवांटेड अपराधियों में शामिल दाऊद इब्राहिम न जाने कहां छिपा हुआ है? इस बात के किसी के भी पास पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में डी-कंपनी के जरिए गैरकानूनी कारोबार और आपराधिक वारदातों को अंजाम देना दाऊद का शगल रहा। एक वक्त देश में खौफ का दूसरा नाम कहा जाने वाला अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पकड़े जाने के डर से बिरयानी छोड़ भाग खड़ा हुआ था।
दाऊद इब्राहिम मुंबई सहित देश के अन्य शहरों में भी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अपने काले कारोबार को चलाता था। उसके गुर्गे नशीले पदार्थों के साथ सोने की तस्करी में शामिल थे। दाऊद के संपर्क उन बड़े तस्करों से भी था जो समुद्री इलाकों और बॉर्डर एरिया में तस्करी को अंजाम देते थे। इन्हीं में से एक सहयोगी लल्लू जोगी था, जो दमन दीव का मशहूर तस्कर था। दाऊद अक्सर अपने तस्करी के माल को सहयोगियों के घर या फार्महाउस पर डिलीवर कराता।
दाऊद को अंदाजा था कि पुलिस की नजर पैनी है। ऐसे में उसने कई बार उन करीबियों की मदद भी ली जो पुलिस की रडार से बाहर थे। अगर कोई मना करता तो उसके लिए दाऊद के आलमजेब और हाजी इस्माइल जैसे शार्प शूटर काफी रहते। हालांकि, दूसरों के लिए खौफ का पर्याय रहा यह डॉन खुद भी एक बार पकड़े जाने के डर से उल्टे पांव भाग खड़ा हुआ था। इस वाकये को डीआरआई के पूर्व डायरेक्टर जनरल बी.वी. कुमार ने अपनी किताब “DRI एंड द डॉन्स” में लिखते हैं।
बी.वी. कुमार के मुताबिक दाऊद इब्राहिम को जिस तरह फिल्मों में दिखाया गया, वह उस कद-काठी का नहीं बल्कि सामान्य इंसान की तरह था। कुमार के मुताबिक, एक बार उन्हें सूचना मिली कि दाऊद इब्राहिम का सामान कुख्यात तस्कर लल्लू जोगी के गुजरात फार्महाउस पर उतरने वाला है। बी.वी. कुमार बताते हैं कि, एक बार उन्होंने टीम के साथ लल्लू जोगी के फार्महाउस पर अचानक छापेमारी कर दी।
दरअसल, लल्लू जोगी उस समय बड़े तस्करों में गिना जाता था। ऐसे में वहां जोगी के ठिकाने पर मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। बकौल बी.वी. कुमार इस दौरान दाऊद इब्राहिम भी उसी फार्महाउस पर मौजूद था। वह (दाऊद इब्राहिम) अपने साथियों के साथ बिरयानी खा रहा था, लेकिन रेड पड़ते ही वह भाग निकला। वह बताते हैं कि दाऊद ने अपने धंधे को डर के दम पर चलाने के लिए आलमजेब पठान और हाजी इस्माइल जैसे गुर्गे साथ रखे थे।
