राजस्थान के धौलपुर जिले का एक लड़का जो कभी दूध बेचने का काम करता था, उसे गांव के विवाद और जीजा की हत्या ने कुख्यात डकैत में तब्दील कर दिया। इस लड़के का नाम जगन गुर्जर था। गांव से भागने के बाद उसने बीहड़ों का रुख किया और फिर कई सालों तक वहीं का होकर रह गया।

धौलपुर जिले के भवूतिपुरा में जन्मा जगन गुर्जर कभी साइकिल से गांव-गांव दूध बेचने का काम करता था। साल 1994 में 20 साल का जगन अपने पिता का अपमान झेल न सका और गांव के एक मंदिर कमेटी के सदस्यों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। फिर पुलिस से बचने के लिए बीहड़ में जाकर डकैतों के साथ रहने लगा। कई सालों तक वह मोहन गुर्जर नाम के डकैत के साथ लूटपाट करता रहा।

जिस साल जगन घर से भागा उसी साल जीजा की हत्या कर दी गई। मालूम किया तो हत्यारे खुद की गैंग के सरदार मोहन गुर्जर के रिश्तेदार निकले। 5 सालों तक खून का घूंट पीकर बैठे जगन ने साल 1999 में गिरोह के सरगना मोहन की हत्या कर दी। फिर वह खुद सरदार बन बैठा और अपने हुक्म पर गैंग चलाने लगा।

जगन के सरदार बनने के बाद पत्नी समेत उसके तीनों भाई पान सिंह, पप्पू और लाल सिंह भी गिरोह में शामिल हो गए। इस दौरान डाकू जगन गुर्जर ने मध्यप्रदेश, यूपी में राजस्थान में जमकर आतंक मचाया। हत्या, अपहरण और बारात लूटना उसका शगल बन गया। बताते हैं कि जब तक जगन ने आत्मसमर्पण नहीं किया था तब तक चंबल के इलाके में शादियां नहीं हुई थी।

कई सालों तक आतंक मचाने के बाद साल 2001 में जगन ने पहली बार तत्कालीन एसपी के सामने सरेंडर किया। कई सालों बाद जेल से जमानत पर रिहा हुआ तो फिर से खौफ कायम हो गया। साल 2008 में गुर्जर आंदोलन के दौरान वह तब चर्चा में आया जब उसने राजस्थान की तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के महल को बम से उड़ाने से धमकी दे दी।

इस मामले के बाद उस पर 11 लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया था। फिर भारी दबाव के बीच 30 जनवरी 2009 को उसने सचिन पायलट के सामने सरेंडर कर दिया। डकैत गुर्जर के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, रंगदारी, डकैती और लूट जैसे संगीन अपराध के 123 से ज्यादा केस दर्ज हैं। हालांकि कई मामलों से वह बरी भी हो चुका है।

साल 2017 के विधानसभा चुनावों में जगन ने पत्नी ममता को चुनाव लड़वाया पर वह हार गईं। इसके बाद जगन ने फिर से लोगों को धमकाने और मारपीट का काम करने लगा। कुछ दिनों बाद जब उसे लगा कि पुलिस कोई भी एक्शन ले सकती है तो फिर से 19 अगस्त 2018 को तत्कालीन आईजी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। साल भर बाद 2019 में जमानत पर बाहर आया तो एक मुखबिर के घर की महिलाओं को पूरे गांव में निर्वस्त्र कर घुमाया।

जगन के द्वारा अंजाम दी गई इस वारदात के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और एक बार उसने फिर से उसी साल 2019 में एसपी के सामने सरेंडर कर दिया। फिर 6 जुलाई 2021 में बाहर आया तो फिर से इलाके में कई जगह फायरिंग की। इसके बाद उसे फिर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। हाल ही में 22 जनवरी को उसने विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को जान से मारने की धमकी दी थी। जिसके बाद 15 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद जगन गुर्जर को बीते सोमवार को करौली के जंगलों से पकड़ लिया गया था।