तमिलनाडु में विल्लुपुरम की एक अदालत ने डीजीपी रैंक के अधिकारी राजेश दास को यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराया है। असल में तमिलनाडु के पूर्व स्पेशल डीजीपी पर महिला आईपीएस अधिकारी का यौन उत्पीड़न का दोष लगा है। महिला आईपीएस अधिकारी ने फरवरी 2021 में वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि जब वे ड्यूटी पर थे तो अधिकारी का यौन उत्पीड़न किया था।

तीन साल की सजा के साथ लगा 10,000 रुपये का जुर्माना

इस मामले में विल्लुपुरम की एक अदालत ने निलंबित आईपीएस अधिकारी को एक महिला अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने का दोषी ठहराया और उन्हें तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

महिला आईपीएस अधिकारी ने फरवरी 2021 में वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अधिकारी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीसामी की सुरक्षा के लिए गश्ती ड्यूटी पर एक साथ यात्रा करते समय यौन संबंध बनाए थे।

अन्नाद्रमुक सरकार ने दास को निलंबित कर दिया था और जांच के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया था। अभियोजन टीम के एक सदस्य ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने पुलिस कर्मियों सहित 68 लोगों के बयान दर्ज किए थे। अधिकारी अपील कर सकता है और तत्काल जमानत मांग सकता है। इसके अवाला अदालत ने चेंगलपट्टू के तत्कालीन एसपी डी कन्नन पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने महिला आईपीएस अधिकारी को शिकायत दर्ज कराने से रोकने की कोशिश की थी। मद्रास हाईकोर्ट ने 2021 में इस मुद्दे का स्वतः संज्ञान लिया था। कोर्ट ने इसे “चौंकाने वाला” और “राक्षसी” कहा था।

2021 में यह मामला चुनावी मुद्दा बन गया था

गौरतलब है कि यह मुद्दा 2021 में एक चुनावी मुद्दा बन गया था और विपक्ष के तत्कालीन नेता एमके स्टालिन ने सत्ता में आने पर उचित कानूनी प्रक्रिया और सजा का आश्वासन दिया था।