Coronavirus, Covid-19 Lockdown 4.0: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में Covid-19 से संक्रमित महिला की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर हंगामा मच गया। प्रशासन जिस जगह पर उनकी अंत्योष्टि करना चाहता था वहां के लोगों ने इसका विरोध कर दिया और प्रदर्शन करने लगे। उनका कहना था कि इस तरह से आबादी वाले इलाके में खुले में किसी कोरोना संक्रमित मरीज के अंतिम-संस्कार से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि लोगों के विरोध के बावजूद यहां प्रशासन ने Suketi Khud के किनारे खुले में अंतिम संस्कार किया।
जानकारी के मुताबिक बीते सोमवार को SLBS Medical College में महिला की मौत हो गई थी। महिला नेर चौक के राटी इलाके की रहने वाली थी। लेकिन महिला की मौत के बाद प्रशासन ने राटी Crematorium की जगह उनका अंतिम संस्कार दादौर में करने का फैसला लिया। यह बात जब दादौर और कांसा इलाके में रहने वाले लोगों को पता चली तो वो नाराज हो गए। उन्होंने प्रशासन के सामने कड़ा एतराज जताया और यहां तक कि प्रदर्शन करते हुए रास्ते को जाम तक कर दिया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि ‘प्रशासन जानबूझ कर अमीरों की नहीं बल्कि गरीबों की बस्ती के सामने कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार करना चाहती है। राटी इलाके में दौलतमंद लोग रहते हैं इसलिए प्रशासन उनके साथ यह पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रही है और राटी के बजाए दादौर के उस जगह को अंतिम संस्करा के लिए चुना गया जहां गरीब गांववाले रहते हैं।’
हालांकि लोगों के विरोध के बावजूद कोरोना संक्रमित महिला का अंतिम संस्कार दादौर में ही खुले में किया गया। इस दौरान लोगों के विरोध को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस-बल की तैनाती भी की गई थी। यहां प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि अंतिम संस्कार के लिए यह जगह बेहतर थी क्योंकि राटी घनी आबादी वाला क्षेत्र है।
स्थानीय प्रशासन से नाराज लोगों का कहना है कि बीते ’16 मई को भी प्रशासन ने एक युवक का अंतिम संस्कार इस इलाके में किया था। लेकिन हमलोगों ने मानवता के आधार पर उस वक्त विरोध नहीं किया था क्योंकि वो युवक दूसरे जिले का रहने वाला था। लेकिन इस मामले में महिला यहीं की रहने वाली थी बावजूद इसके प्रशासन ने ऐसा रवैया क्यों अपनाया? और गरीबों की बस्ती में खुले में अंतिम संस्कार क्यों किया गया?’
कांसा और दादौर में वार्ड परिषद सदस्यों का कहना है कि प्रशासन ने चुने हुए जनप्रतिनिधियों से भी इस बारे में कोई सलाह नहीं ली। हम आगे भी प्रशासन के ऐसे फैसलों का विरोध करते रहेंगे।