Coronavirus, (Covid-19) India Lockdown: कोरोना वायरस से चल रही लड़ाई के बीच आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक चिकित्सक और पुलिस के बीच हुई जबरदस्त नोंकझोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में नजर आ रहा है कि कुछ पुलिस वाले बीच सड़क सरेआम डॉक्टर को अर्धनग्न अवस्था में घसीट कर ले जाते हैं। इस दौरान चिकित्सक पुलिसकर्मियों पर अपनी भड़ास निकला रहे हैं, उन्हें अपशब्द कह रहे हैं। इतना ही नहीं चिकित्सक पुलिसकर्मियों पर आरोप लगा रहे हैं कि वो राज्य के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के लिए काम कर रहे हैं। उनका यह भी आरोप है कि राज्य में दलितों की हत्या हो रही है।
वीडियो वायरल होने के बाद चिकित्सक की पहचान के. सुधाकर के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर सुधाकर नरसिपटनम के एक अस्पताल में कार्यरत थे। बीते 8 अप्रैल को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। डॉक्टर के. सुधाकर पर आरोप है कि उन्होंने राज्य की सरकार के खिलाफ झूठी बातें फैलाई।
उनपर आरोप है कि उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया था कि अस्पताल में कोरोना से लड़ रहे चिकित्सकों, नर्स और अन्य कर्मचारियों को N95 मास्क मुहैया नहीं कराया जा रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि अस्पताल के अंदर कर्मचारी 15 दिन तक एक ही मास्क पहन कर काम करने के लिए मजबूर हैं।
बीते शनिवार को चिकित्सक और पुलिस के बीच इस तू-तू-मैं-मैं के कई सारे वीडियो वायरल हुए थे। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ वीडियो तो खुद पुलिसकर्मियों ने ही शूट किया था। एक वीडियो में नजर आ रहा है कि डॉक्टर सुधाकर कार पार्किंग एरिया में खड़े हैं औऱ एक पुलिसकर्मी पर चिल्ला रहे हैं।
एक अन्य वीडियो में नजर आ रहा है कि एक पुलिस वाला अपना टूटा हुआ मोबाइल फोन दिखा रहा है और आरोप लगा रहा है कि डॉक्टर सुधाकर ने ही उसका मोबाइल तोड़ा है।
एक अन्य वीडियो में डॉक्टर सुधाकर राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान कुछ पुलिस वाले लोगों को उनसे दूर रहने के लिए कह रहे हैं। पुलिस वाले वीडियो में यह भी कह रहे हैं कि चिकित्सक ने काफी शराब पी रखी है।
इधर हिरासत में लिये जाने के बाद अब डॉक्टर के. सुधाकर का आऱोप है कि ‘मैं अनाकापल्ली की तरफ जा रहा था औऱ उस वक्त पुलिस ने मेरी कार को रोका था। पुलिस ने मुझसे पूछा कि मैंने अपनी गाड़ी में इतने कैश पैसे क्यों रखे हैं? जिसपर मैंने उन्हें बताया कि मैं लोन लिया है।
उनलोगों ने मेरा कैश सीज कर लिया और मेरी कार में 2 बोतल ऱख दिये। उनलोगों ने मुझे बुरी तरह से पीटा और आतंकवाद संबंधी मामले में फंसाने की धमकी भी दी।’
बहरहाल इस मामले में विशाखापट्टनम पुलिस कमिश्नर आर के मीणा ने एक कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस इस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी हुई है।

