Ahmedabad Crime News: अहमदाबाद की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने शुक्रवार को कथित ठग किरण पटेल को खुद को प्रथम श्रेणी अधिकारी के रूप में पेश करके मोरबी के एक कारोबारी से 42 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में तीन दिनों के लिए अहमदाबाद अपराध शाखा (Crime Branch) की हिरासत में भेज दिया। क्राइम ब्रांच ने किरण पटेल को श्रीनगर जेल से अहमदाबाद लाने के बाद ट्रांजिट रिमांड के जरिए सात दिनों की रिमांड मांगी थी।
अहमदाबाद के सोला पुलिस स्टेशन में मई में दर्ज की गई थी एफआईआर
कथित महाठग किरण पटेल को अहमदाबाद में मजिस्ट्रेट अदालत के सामने पेश किया गया और 14 अगस्त को दोपहर 12 बजे तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। अहमदाबाद के सोला पुलिस स्टेशन में मई में दर्ज की गई एफआईआर में किरण पटेल और उनकी पत्नी मालिनी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 170 (एक लोक सेवक का रूप धारण करना), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मोरबी स्थित कारोबारी भरत पटेल की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी
मोरबी स्थित कारोबारी भरत पटेल द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि किरण पटेल ने खुद को क्लास वन अधिकारी के रूप में गलत बताया, उनका भरोसा हासिल किया और भरत को आश्वासन दिया कि वह गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (GPCB) से उसके व्यवसाय के लिए लाइसेंस हासिल करने में उनकी सहायता कर सकते हैं।
भरत ने आरोप लगाया है कि इस संबंध में किरण पटेल को 42 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करना पड़ा। लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि किरण न तो क्लास 1 अधिकारी था और न ही उन्होंने जीपीसीबी लाइसेंस के लिए भरत की ओर से कोई आवेदन जमा किया था।
पुलिस ने कोर्ट से मांगी किरण पटेल की रिमांड, रकम के इस्तेमाल की होगी जांच
भरत पटेल ने दावा किया है कि इसके बाद किरण पटेल ने भरत को लगभग 11 लाख रुपये लौटा दिए, जबकि 31.11 लाख रुपये अभी भी बकाया है। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर कोर्ट से किरण पटेल की रिमांड मांगी है। पुलिस को यह जांच करनी है कि इस 31.11 लाख रुपये का इस्तेमाल कैसे किया गया और पैसा किसे दिया गया। साथ ही, पुलिस भरत द्वारा किरण के साथ की गई बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग का तकनीकी विश्लेषण भी करना चाहती थी।