Delhi Crime News: बाहरी दिल्ली में अलग-अलग घटनाओं में लगभग 12 साल की उम्र के दो लड़कों का उनके पांच-छह सहपाठियों द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया। घटना में शामिल सभी बच्चे दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। पुलिस के मुताबिक, कथित घटना अप्रैल में स्कूल के समर कैंप के दौरान हुई थी। दोनों लड़कों के परिवारों ने अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई हैं। पुलिस ने कहा कि उन्होंने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ POCSO अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
दिल्ली महिला आयोग ने लिया मामले का स्वतः संज्ञान, दिल्ली पुलिस ने की कार्रवाई
दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस और शिक्षा निदेशालय को नोटिस जारी किया है। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सरकार ने कहा कि ऐसे “दोषपूर्ण कृत्यों” को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इससे गंभीरता से निपटा जाएगा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने घटना की पुष्टि की और कहा कि इस मामले में चार आरोपी छात्रों को हिरासत में लिया गया और सीडब्ल्यूसी भेज दिया गया। मामले की जांच की जा रही है और दोनों शिकायतकर्ताओं को काउंसलिंग दी जा रही है।
आपबीती बताने पर शिक्षकों ने पीड़ित छात्र से कहा- किसी से शिकायत मत करना
नाम बताने से इनकार करते हुए एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “अप्रैल में एक ग्रीष्मकालीन शिविर के दौरान 5-6 छात्रों का एक समूह एक लड़के को जबरन पास के पार्क में ले गया और उसका यौन उत्पीड़न किया। ऐसा कम से कम सात दिनों तक चलता रहा। आरोपी छात्रों ने उसे घटना के बारे में किसी को न बताने की धमकी भी दी। बच्चे ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले उसने अपने दो शिक्षकों को अपनी आपबीती सुनाई, लेकिन उन्होंने उससे मामले की शिकायत न करने के लिए कहा।
दूसरे मामले में भी शिकायत पर शिक्षकों और स्कूल प्रशासन का लापरवाही भरा रवैया
पुलिस ने कहा कि दूसरे लड़के का भी शिविर में उन्हीं छात्रों द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया था। अधिकारी ने कहा, “नाबालिग ने आरोप लगाया कि स्कूल के शौचालय में उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया और वह चुप रहा क्योंकि उसे धमकी दी गई थी। करीब 16 दिन पहले आरोपी लड़कों में से एक ने टॉयलेट में उसके साथ दोबारा यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की। बच्चे का आरोप है कि उसने पिछले महीने और इस महीने भी अपने दो शिक्षकों को बताया, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। लगभग पांच-छह दिन पहले लड़के ने अपनी मां को बताया, जिन्होंने स्कूल अधिकारियों को सूचित किया, लेकिन उन्हें कुछ भी न करने के लिए कहा गया।”
एक लड़के की मां ने कहा- कड़ी कार्रवाई तक स्कूल के खिलाफ विरोध करती रहेंगी
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक लड़के की मां ने कहा कि वह स्कूल के खिलाफ विरोध करती रहेंगी। उन्होंने आरोप लगाया, “अप्रैल से मेरे बेटे का बार-बार यौन उत्पीड़न किया गया है। वह हफ्तों तक उदास रहा… जब मैंने उससे पूछताछ की, तो उसने सब कुछ बता दिया… (आरोपी) लड़कों के पास हथियार थे और उन्होंने हमारे बच्चों को धमकी दी। मैं हिल गई और कई शिक्षकों और स्कूल के प्रिंसिपल से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने मुझे कुछ भी न करने के लिए कहा। प्रिंसिपल ने मुझसे यहां तक कहा कि लड़के झूठ बोल रहे हैं। वे ऐसा क्यों करेंगे? मैं शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई चाहती हूं, वे हमसे यह बात कैसे छिपा सकते हैं?”
कार्रवाई न करने वाले स्कूल के शिक्षकों और प्रिंसिपल के खिलाफ जांच हो- डीसीडब्ल्यू
डीसीडब्ल्यू ने कोई कार्रवाई न करने वाले स्कूल के शिक्षकों और प्रिंसिपल के खिलाफ जांच की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ”ये बेहद चौंकाने वाली घटनाएं हैं। एक ही स्कूल के छात्रों ने अपने साथियों के साथ यौन उत्पीड़न किया। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि शिक्षकों और प्रिंसिपल ने कथित तौर पर पीड़ित छात्रों को चुप रहने के लिए कहा। अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, सक्षम अधिकारियों को घटना की सूचना नहीं देने के लिए स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों के खिलाफ POCSO अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।”
दिल्ली सरकार ने कहा- मामले में जांच समिति गठित, कानून अपना काम कर रहा है
दिल्ली सरकार ने कहा कि अगर किसी शिक्षक या कर्मचारी को इस मुद्दे की जानकारी थी और उसने इसे उच्च अधिकारियों के संज्ञान में नहीं लाया, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी बयान में कहा गया, “यह दुखद है कि ऐसी घृणित घटना कथित तौर पर स्कूल द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन शिविर में हुई। एक जांच समिति गठित की गई है और इस विषय पर गहन जांच चल रही है। कानून को उचित कदम उठाने दीजिए। हम आप सभी को आश्वस्त कर सकते हैं कि दिल्ली सरकार इस मामले में त्वरित और कड़ी कार्रवाई करेगी।”