कानपुर किडनी रैकेट में रोजाना नई परत खुल रही है। अब इस मामले में पुलिस की सांठ-गांठ भी सामने आई है, जिसके बाद इस मामले की जांच कर रहे सीओ गोविंद नगर को हटा दिया गया। वहीं, बर्रा इंस्पेक्टर, एसएसआई व नौबस्ता एसआई को लाइन हाजिर कर दिया गया है। साथ ही, दिल्ली स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल की सोनिका डबास को गिरफ्तार किया गया है। कानपुर के एसएसपी अनंत देव ने इस मामले की जांच के लिए नई एसआईटी गठित की है।
फरवरी 2019 में सामने आया था मामला: बर्रा थाना क्षेत्र निवासी संगीता देवी ने फर्जी तरीके से होने वाले मानव अंग प्रत्यारोपण की शिकायत फरवरी 2019 में दर्ज कराई थी। इसके बाद किडनी रैकेट का खुलासा हुआ, जिसके तार कानपुर के साथ-साथ लखनऊ, जयपुर और दिल्ली तक फैले मिले। किडनी रैकेट में पुलिस ने अब तक कई नामचीन डॉक्टरों के साथ अस्पताल मालिक को भी गिरफ्तार किया है। वहीं, पुलिस विभाग में तैनात एक एचसीपी का बेटा भी पकड़ा गया। इस मामले की जांच कर रहे गोविंद नगर सीओ आरके चतुर्वेदी, बर्रा थाना प्रभारी अतुल कुमार श्रीवास्तव, बर्रा एसएसआई राम खिलाड़ी व नौबस्ता थाने में तैनात एसआई ने उसे सांठ-गांठ कर बचाने का प्रयास किया था। आरोप है कि इन सभी पुलिसकर्मियों ने जांच में गड़बड़ी करने के लिए पैसा लिया था।
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गोपनीय जांच में हुआ खुलासा: मामले की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी अनंत देव ने गोपनीय जांच कराई, जिसमें प्रथम दृष्टया मामला सही पाया गया। इसके बाद एसएसपी ने सीओ गोविंद नगर को हटा दिया। उन्हें कार्यालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनकी जगह फिलहाल आईपीएस चक्रेश मिश्रा को गोविंद नगर क्षेत्राधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि पैसा लेने में सीओ की सीधी संलिप्तता सामने नहीं आई है, लेकिन जांच में भूमिका संदिग्ध होने के चलते उन पर कार्रवाई की गई।
बर्रा इंस्पेक्टर व एसएसआई समेत तीन लाइन हाजिर: एसएसपी ने एचसीपी के बेटे से पैसा लेने के मामले में बर्रा इंस्पेक्टर अतुल कुमार श्रीवास्तव, बर्रा एसएसआई राम खिलाड़ी व नौबस्ता थाने में तैनात एसआई विशेष कुमार की भूमिका बेहद संदिग्ध पाई। जांच के बाद कप्तान ने तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। बर्रा थाने का चार्ज राममूर्ति यादव को दिया गया है।