Punjab: पंजाब में खालिस्तान समर्थक समूह कौमी इंसाफ मोर्चा (KIM) ने ऐलान किया है कि उसके सदस्य 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर चंडीगढ़ की ओर मार्च करेंगे। उनकी शुरुआती मांग उन सिख कैदियों की रिहाई है जो पहले ही जेल की सजा काट चुके हैं। केआईएम की इस घोषणा के बाद चंडीगढ़ और मोहाली पुलिस ने चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर सुरक्षा उपायों को चाक-चौबंद कर लिया है।

चंडीगढ़ सेक्टर 52-53 लाइट प्वाइंट पर प्रदर्शनकारियों ने किया सड़क जाम

चंडीगढ़ सेक्टर 52-53 लाइट प्वाइंट पर प्रदर्शनकारियों ने सड़क के एक हिस्से को जाम कर दिया है। खास तौर पर वहां सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर है। सुरक्षा बढ़ाने के फैसले का मकसद किसी भी अप्रिय घटना को रोकना और क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखना है। पंजाब में पिछले कुछ महीने से खालिस्तान समर्थक समूहों की हरकतों को देखकर पुलिस और प्रशासन ने पहले से ही कई एहतियातन कदम उठाए हैं।

सिख कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर कई महीनों से जारी है विरोध प्रदर्शन

खालिस्तान समर्थक समूह के सदस्य सिख कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर कई महीनों से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कैदियों में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना और 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी देविंदरपाल सिंह भुल्लर का नाम भी शामिल है। पंजाब सरकार इन कैदियों की रिहाई को संवेदनशील मामला मान रही है।

फरवरी में पुलिस वालों से भिड़ गए थे सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी

पंजाब में इस साल की शुरुआत में फरवरी महीने में पुलिस कर्मियों और सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई थी। चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास हुई इस घटना में 33 पुलिस कर्मी घायल हो गए और दर्जनों पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। मामले को लेकर पंजाब विधानसभा और देश की राजधानी दिल्ली तक हंगामे के आसार बन गए थे।

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