Chandan Mishra Murder: चंदन मिश्रा हत्याकांड में शामिल आरोपियों और पुलिस के बीच आरा में मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में दो आरोपियों को घायल होने की सूचना है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों हत्याकांड में सीधे तौर पर शामिल थे। आजतक की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि दोनों शार्प शूटर को पुलिस की गोली लगी है, दोनों का फिलहाल इलाज चल रहा है।

आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि दोनों को इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दरअसल, पुलिस को हत्याकांड में शामिल दो शूटरों के आरा में छिपे होने की सूचना मिली थी। ऐसे में पुलिस की एक टीम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पहुंची। हालांकि, आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी।

जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भी गोलियां चलाईं जिससे दोनों आरोपी घायल हो गए। एनकाउंटर में घायल आरोपियों की पहचान बलवंत सिंह और रविरंजन सिंह के रूप में हुई। पुलिस का दावा है कि बलवंत और रविरंजन उस गिरोह का हिस्सा थे जिसने 17 जुलाई को पटना के पारस अस्पताल के अंदर पैरोल पर बाहर आए हत्यारे चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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पुलिस का मानना है कि हत्या के वक्त दोनों मौके पर ही मौजूद थे। फिलहाल पुलिस अपने देख-रेख में दोनों का इलाज करा रही है। बता दें कि यह गोलीबारी सुबह करीब छह बजे बिहिया-कटेया रोड पर एक नदी के पास विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान के दौरान हुई। मूल रूप से बक्सर निवासी बलवंत कथित तौर पर अस्पताल में हुई गोलीबारी में सीधे तौर पर शामिल था, जबकि रविरंजन आरा जिले के बिहिया का रहने वाला है।

अधिकारियों ने बताया कि रविरंजन की जांघ में गोली लगी, जबकि बलवंत के हाथ और पैर में गोली लगी है। घायलों को सुबह करीब 6:25 बजे बिहिया अस्पताल ले जाया गया और बाद में कड़ी पुलिस सुरक्षा में बेहतर इलाज के लिए आरा रेफर कर दिया गया। गौरतलब है कि बक्सर जिले का निवासी चंदन मिश्रा बेउर जेल में सजा काट रहा था और इलाज के लिए अस्पताल गया था, तभी उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

घटना का सीसीटीवी फुटेज, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, में पांच हथियारबंद लोग आईसीयू में घुसते और चंदन पर बिल्कुल नजदीक से गोलियां चलाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले, बिहार पुलिस ने कोलकाता पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ एक संयुक्त अभियान में मुख्य आरोपी तौसीफ उर्फ बादशाह को उसके चचेरे भाई निशु खान और दो साथियों हर्ष और भीम के साथ कोलकाता से गिरफ्तार किया था।

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तौसीफ को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया, जबकि अन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पटना के एसएसपी कार्तिकेय के. शर्मा ने पुष्टि की कि तौसीफ और निशु कई मामलों में वांछित थे, जिनमें आर्म्स एक्ट और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज (एनडीपीएस) एक्ट के तहत दर्ज मामले भी शामिल हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे चार अन्य शूटरों की पहचान कर ली गई है और उनकी तलाश जारी है।

शर्मा ने यह भी बताया कि मिश्रा की हत्या की साजिश पटना के समनपुरा इलाके में तौसीफ के चचेरे भाई निशु खान के घर पर रची गई थी। हालांकि, खान ने साजिश में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया और पटना पुलिस के इस दावे का खंडन किया कि उनके घर पर कोई बैठक हुई थी।

पांच पुलिसकर्मियों को किया गया निलंबित

इस बीच, गैंगस्टर की हत्या के सिलसिले में कर्तव्यहीनता के आरोप में एक सब-इंस्पेक्टर, दो एएसआई और दो कांस्टेबल सहित पांच पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया। पटना (मध्य) की पुलिस अधीक्षक दीक्षा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “गुरुवार को एक शीर्ष निजी अस्पताल के अंदर दोषी की हत्या के सिलसिले में कर्तव्य में लापरवाही के लिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पुलिसकर्मी शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन में तैनात थे।”