Home Ministry Decleared TRF as Terror Organization: जम्मू कश्मीर में पत्रकार को धमकी देने के तीन महीने के बाद लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सहयोगी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को गृह मंत्रालय (Home Ministry) आतंकवादी संगठन (Terror Organization) घोषित कर दिया है। गुरुवार (5 जनवरी) को गृह मंत्रालय ने इसे गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) के तहत, आतंकी गतिविधियों (Terror Activity), आतंकवादियों की भर्ती (Terrorist Recruitment), आतंकवादियों की घुसपैठ (Infiltration of Terrorists) और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी पर प्रचार के लिए अधिनियम के तहत आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है।

2019 में अस्तित्व में आया था TRF आतंकी संगठन

गृह मंत्रालय की जारी की गई नोटिफिकेशन के मुताबिक, टीआरएफ 2019 में लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रॉक्सी संगठन के रूप में अस्तित्व में आया, जो एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है। नोटिफिकेशन में कहा गया है,“टीआरएफ आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए ऑनलाइन माध्यम से युवाओं की भर्ती कर रहा है और आतंकवादी गतिविधियों पर प्रचार करने, आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में भी शामिल रहा है।”

TRF पाकिस्तान का लश्कर को दिया गया नया नाम

टीआरएफ जम्मू-कश्मीर के लोगों को भारतीय राज्य के खिलाफ आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए उकसाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मनोवैज्ञानिक संचालन में शामिल है। एक अधिकारी ने बताया, टीआरएफ पाकिस्तान द्वारा लश्कर को दिया गया एक नया नाम है। “लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के धार्मिक अर्थ थे और पाकिस्तान ऐसा नहीं चाहता था। वे कश्मीर के उग्रवाद को स्वदेशी दिखाना चाहते थे। इसलिए, उन्होंने ‘प्रतिरोध’ का विकल्प चुना।”

TRF कमांडर शेख सज्जाद गुल Terrorist घोषित

एमएचए की जारी की गई नोटिफिकेशन के मुताबिक, टीआरएफ कमांडर शेख सज्जाद गुल को यूएपीए की चौथी लिस्ट के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है। नोटिफिकेशन में ये भी कहा गया है, “टीआरएफ की गतिविधियां भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं। टीआरएफ के सदस्यों/सहयोगियों के खिलाफ बड़ी संख्या में मामले दर्ज किए गए हैं, जो जम्मू-कश्मीर के सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की हत्या की साजिश रचने, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने के लिए हथियारों का समन्वय और परिवहन करने से संबंधित हैं।

मीडिया संस्थानों को दी थी धमकी

समूह ने घाटी में कुछ मीडिया संस्थानों को उनके देशद्रोही कृत्यों के लिए धमकियां जारी की थीं, जिसके बाद कई पत्रकारों ने अपने संस्थानों से इस्तीफा दे दिया था। TRF कराची से चलाए जा रहे एक सोशल मीडिया ऑपरेशन के रूप में शुरू हुआ, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने 2020 में द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था। जब इन आतंकियों को ऑनलाइन वर्चुअल समर्थन मिला और इसमें उन्हें एक बड़ी संख्या में युवाओं की उपस्थिति मिली जिसके बाद उन्हें बड़ी संख्या में युवाओं को भर्ती किया।