सीबीआई ने बुधवार को सुरिंदर मित्तल नाम के एक प्राइवेट कांट्रैक्टर को गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के नाम से एक जाली पत्र तैयार करके महाराष्ट्र के सीएम के नाम से भेजा था। पत्र में पीएमओ के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी का हस्ताक्षर भी है।
प्लाट के विकास के लिए किया गया खेल सीबीआई ने प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त शिकायत पर मामला दर्ज किया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 27 नवंबर 2017 को एक कथित पत्र पीएमओ के लेटरहेड पर संयुक्त सचिव के हस्ताक्षर से जारी किया गया था। इसमें बांद्रा ईस्ट के एक प्लाट के विकास के लिए सरकारी एजेंसियों से फायदा पाने की कोशिश की गई थी। पत्र महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए मैसर्स विलेयति राम मित्तल, नवी मुंबई के पक्ष में दिया गया था।
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पीएमओ ने पत्र भेजने से इंकार किया आरोप लगाया गया कि स्थानीय अधिकारी पक्षपाती हैं और अन्य डेवलपर्स की मदद कर रहे हैं। आरोप है कि बांद्रा ईस्ट गौसिया कम्पाउंड सीएचएस लिमिटेड, बांद्रा (ई), मुंबई के सचिव ने एपेक्स शिकायत निवारण समिति, स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी, मुंबई के समक्ष उक्त कथित पत्र की प्रति के साथ 11 दिसंबर 2017 को आवेदन दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से बताया गया कि अधिकारी ने ऐसा कोई पत्र नहीं भेजा है।
आवेदन पर हस्ताक्षर भी फर्जी था जांच के दौरान यह भी पता चला कि एक अधिवक्ता की फर्म ‘सीडीपी एंड कंपनी’ के जाली लेटर हेड पर कथित रूप से उक्त आवेदन/अपील प्रस्तुत की गई थी। आवेदन पर हस्ताक्षर उक्त अधिवक्ता का नहीं था। जांच में यह भी पाया गया कि सलीम शेख, बांद्रा ईस्ट गौसिया कम्पाउंड, बांद्रा (पूर्व), मुंबई के सचिव और सुरिंदर मित्तल ने कथित तौर पर पीएमओ के दिनांक 27.11.2017 के उक्त कथित पत्र की प्रति अपने पास रखी थी और इसे शिकायत के पहले इस्तेमाल किया था।

