CBI arrests Abhishek Boinpally in Delhi liquor policy case: दिल्ली की शराब नीति में कथित अनियमितताओं के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक बार फिर से एक्शन लिया है। अब इस मामले में हैदराबाद से अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि अभिषेक को रविवार को गिरफ्तार किया गया था, जिसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाना है।
शराब नीति मामले में डिप्टी CM सिसोदिया भी आरोपी
अभिषेक बोइनपल्ली पर “कार्टेलाइज़ेशन की सुविधा” में एक बिचौलिए के रूप में काम करने का आरोप है। बता दें कि इस मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि बोइनपल्ली को रविवार को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया और मामले से संबंधित महत्वपूर्ण सवालों से बच रहा था।
कौन है अभिषेक बोइनपल्ली
अधिकारियों के मुताबिक, अभिषेक बोइनपल्ली पेशे से एक सलाहकार है और वह रियल एस्टेट, खनन, रासायनिक उत्पाद बनाने वाली फर्मों से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि अभिषेक करीबी नौ कंपनियों का निदेशक है। दिल्ली शराब नीति मामले में बोइनपल्ली की गिरफ्तारी तीसरी है।
विजय नायर और समीर महेंद्रू हो चुके हैं अरेस्ट
दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) विनय कुमार सक्सेना द्वारा शराब नीति की जांच की सिफारिश करने के बाद पिछले महीने मुंबई की एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के पूर्व सीईओ, कारोबारी विजय नायर को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सितंबर माह के आखिरी हफ्ते में एक शराब वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत गिरफ्तार किया था।
CBI की एफआईआर में अभिषेक का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज नहीं
इस मामले में एक जानकारी और सामने आई है कि अभिषेक बोइनपल्ली का नाम सीबीआई की एफआईआर में बतौर आरोपी दर्ज नहीं है लेकिन उनके करीबी सहयोगी व पार्टनर अरुण रामचंद्र पिल्लई का नाम बतौर आरोपी दर्ज है। बताया गया है कि अभिषेक और अरुण रामचंद्र पिल्लई ने इस साल जुलाई में ‘रॉबिन डिस्ट्रीब्यूशन एलएलपी’ नाम की एक कंपनी बनाई थी, जिसकी जानकारी आरओसी यानी ‘रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज’ पर उपलब्ध है। अधिकारियों के मुताबिक आरोप है कि अरुण रामचंद्र पिल्लई ने ‘इंडोस्पिरिट’ के समीर महेंद्रू से रिश्वत ली थी, जिसे उन्हें दिल्ली के कारोबारी एवं आम आदमी पार्टी (आप) के नेता विजय नायर तक पहुंचाना था।