Delhi Girl Murder: दिल्ली में 22 वर्षीय युवती की हत्या का दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी दिल्ली से 12 मार्च को युवती लापता हो गई थी। तब से परिजन उसकी तलाश में जुटे हुए थे। हालांकि, 17 मार्च को उसका शव दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के एक नाले में मिला, जिससे उनकी उम्मीदें टूट गईं।
युवती के शव को नाले में फेंक दिया
कोमल (22) नाम की युवती की हत्या के आरोप में पुलिस ने आसिफ और जुबैर नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। डीसीपी अंकित सिंह के अनुसार, आसिफ नाम का एक कैब ड्राइवर कोमल का करीबी था, लेकिन उसे उस पर बेवफाई का शक होने लगा था। गुस्से में अंधा होकर उसने अपनी टैक्सी के अंदर ही उसका गला घोंट दिया और शव को नाले में फेंक दिया।
रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि कोमल की हत्या करने के बाद उन्होंने उसके हाथ-पैर रस्सी से बांध दिए और शव को पानी में डुबोने से पहले उसमें पत्थर बांध दिया, ताकी वो पानी में वजन के कारण डूब जाए।
17 मार्च को छावला पुलिस स्टेशन में एक पीसीआर कॉल आई, जिसमें बताया गया कि नजफगढ़ नाले में एक शव देखा गया है। पुलिस टीमों ने शव को बरामद किया और शवगृह भेज दिया। डीसीपी सिंह ने कहा, “फोरेंसिक टीमों को बुलाया गया और प्रथम दृष्टया जांच के आधार पर हत्या का मामला दर्ज किया गया।”
डीसीपी ने बताया कि जांच के दौरान, हमें पता चला कि कोमल नाम की एक लड़की के बारे में सीमापुरी पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की गई थी। कोमल के परिवार द्वारा उसकी पहचान की पुष्टि करने के बाद, पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी।
शादी करने का दबाव बना रहा था आसिफ
तकनीकी निगरानी और अपने सूचना नेटवर्क का उपयोग करते हुए, पुलिस ने मुख्य आरोपी आसिफ और उसके सहयोगी जुबैर को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने कहा कि आसिफ कोमल पर उससे शादी करने का दबाव बना रहा था और जब उसे पता चला कि वो इलाके में किसी दूसरे आदमी से बात कर रही है, तो वह भड़क गया। पुलिस ने आसिफ के दावों के आलोक में इस आदमी से पूछताछ की है।
पुलिस के अनुसार, आसिफ और कोमल एक-दूसरे को चार साल से जानते थे। कोमल सुंदर नगरी के निगम फ्लैट्स में अपने दादा-दादी के साथ रहती थी, जबकि उसके माता-पिता चंडीगढ़ में एक छोटा सा बुटीक चलाते हैं। वो शाहदरा जिले में एक सिविल डिफेंस वॉलंटियर थी और एक कॉल सेंटर में भी काम करती थी। आसिफ अपने परिवार के साथ पास के ही एक ब्लॉक में रहता था।
12 मार्च को कोमल अंगद नगर में अपने ऑफिस के लिए निकली थी। शाम 7 बजे तक उसके घर लौटने की उम्मीद थी, लेकिन वो नहीं आई। रात 9 बजे तक परिवार ने पुलिस के पास जाने का फैसला किया, क्योंकि उसका फोन बंद था और उन्हें नहीं पता था कि उस तक कैसे पहुंचा जाए।
एक से दूसरे पुलिस स्टेशन दौड़ते रहे परिजन
पड़ोसी और फैमिली फ्रेंड मोहम्मद नईम खान (65) उनके साथ थे। उन्होंने याद करते हुए कहा, “हम एक पुलिस स्टेशन से दूसरे पुलिस स्टेशन गए।” उनका पहला पड़ाव नंद नगरी पुलिस स्टेशन था, जहां उन्हें बताया गया कि वहां शिकायत दर्ज नहीं की जाएगी और उन्हें उसके कार्यस्थल के पास के पुलिस स्टेशन जाने के लिए कहा गया।
कोमल की दादी बिमला ने कहा, “आधी रात तक हम प्रीत विहार पुलिस स्टेशन पहुंच गए, जहां पुलिस अधिकारियों ने कॉल सेंटर के मालिक को फोन किया। हमने उनसे कैंपस की जांच करने का रिक्वेस्ट किया, क्योंकि उन्हें डर था कि कोमल को गलती से अंदर बंद कर दिया गया होगा। पुलिस सहमत हो गई और हमने मिलकर हर मंजिल की तलाशी ली, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।”
ऐसे पुलिस को मामले में मिली लीड
हालांकि, प्रीत विहार पुलिस स्टेशन में भी कोई शिकायत दर्ज नहीं की जा सकी। मोहम्मद ने कहा, “हमें जीटीबी एन्क्लेव पुलिस स्टेशन और फिर सीमापुरी पुलिस स्टेशन जाने को कहा गया, जहां आखिरकार गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। तब तक 13 मार्च को सुबह के 3 बज चुके थे।”
आखिरकार, पुलिस को सुराग तब मिला जब कॉल सेंटर की एक और लड़की ने उन्हें बताया कि वो और कोमल एक सफेद कार में सवार हो गई थीं, जो काम के बाद उन्हें लेने आई थी। कार ने उसे दिलशाद गार्डन में छोड़ दिया, लेकिन कोमल अंदर ही रही और उसे कहीं और ले जाया गया। परिवार अभी भी जानकारी के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहा था।
बिमला ने कहा, “जब हमने 14 मार्च को फिर से पुलिस से संपर्क किया, तो हमें होली के बाद वापस आने को कहा गया।” अगले दिन, पुलिस ने कोमल की आखिरी हरकतों का पता लगाने की उम्मीद में सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की। पांच दिनों के बाद, वह घर से 40 किमी दूर एक नाले में मिली। एक हफ्ते बाद, पुलिस ने घोषणा की कि उन्होंने मामले में गिरफ्तारी की है।