मध्य प्रदेश के एक प्राइवेट संस्थान (अनाथालय) की हॉरर स्टोरी सामने आई है। यहां रहने वाला नाबालिग लड़कियों को गर्म चिमटे से दागा जा रहा था। इसके अलावा लाल सूखी मिर्च का धुंआ कर उन्हें जबरन सुंघाया जा रहा था। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। अनाथालय पर बाल दुर्व्यवहार का आरोप लगा है। मामला तब सामने आया जब राज्य महिला और बाल कल्याण विभाग की एक टीम ने औचक निरीक्षण किया। उन्होंने अनाथालय पर बच्चियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
लोगों ने सोशल मीडिया पर लगाए थे आरोप
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल ने हमारे सहयोगी द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमने जिला कलेक्टर के आदेश पर एक टीम बनाई। इसके बाद पता चला कि यह अनाथालय बच्चों का शोषण कर रहा है।” पोरवाल ने आगे कहा कि इस अनाथालय में बच्चों के साथ अपना जन्मदिन मनाने वाले कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे। इसके बाद हमने औचक निरीक्षण करने का फैसला किया।
पोरवाल ने कहा कि दो बच्चियों को गर्म चिमटे से दागने के निशान मिले हैं। “उन्हें गर्म चिमटे से दागा गया और लाल मिर्च का धुआं सूंघने के लिए मजबूर किया गया। एक बच्ची ने हमें बताया कि सजा के तौर पर उसे एक दिन तक भूखा रखा गया।” निरीक्षण टीम की शिकायत के आधार पर इंदौर के पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है, हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
मामले में सीडब्ल्यूसी सदस्य संगीता चौधरी ने कहा कि अनाथालय में 25 लड़कियों का रजिस्ट्रेनश हुआ था जबकि छापेमारी के दिन 21 लड़कियां मौजूद थीं। 21 बच्चियों में से सिर्फ तीन मध्य प्रदेश की हैं जबकि अन्य गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र और राजस्थान की हैं। संगीता चौधरी ने कहा कि जब हम पहुंचे तो गेट पर कोई सुरक्षा नहीं थी। विजिटर्स के लिए कोई एंट्री रजिस्टर नहीं था। बता दें कि छात्रावास की यह सुविधा वात्सल्यपुरम जैन ट्रस्ट द्वारा चलाया दाता है। यह ट्रस्ट देश भर में ऐसे 13 अनाथालय चलाता है।
हाईकोर्ट पहुंचा ट्रस्ट
मामले में ट्रस्ट ने हाईकोर्ट की तरफ रुख किया है। उनका कहना है कि उन्हें 21 बच्चियों की देखरेख करने का जिम्मा सौंपा जाए और उनका सील किया हुआ छात्रावास खोला जाए। मौके पर कुछ बच्चियों के माता-पिता भी पहुंचे और कहा कि सरकारी अधिकारियों ने अवैध रूप से उनके बच्चों को ले लिया है।
ट्रस्ट का कहना है कि अधिकारियों की कार्रवाई नाबालिग बच्चियों के लिए भयावह और दर्दनाक थी। ट्रस्ट ने आगे कहा कि उनके हॉस्टल से 21 नाबालिग बच्चियों को अवैध रूप से अपहरण कर लिया गया। ट्रस्ट ने अपनी याचिका में कहा कि वह लड़कियों को उनके माता-पिता या कानूनी अभिभावकों के अनुरोध पर ही प्रवेश देता है, जिसका वह रिकॉर्ड भी रखता है। ट्रस्ट ने यह भी कहा कि अधिकारियों ने बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए बिना ही छात्रावास को सील कर दिया।