BSP MP Atul Rai acquitted in rape case: उत्तर प्रदेश के मऊ के घोसी से बसपा सांसद अतुल राय को वाराणसी एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने कथित रेप के मामले में बरी कर दिया है। इस मामले की पीड़िता ने पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के सामने अपने दोस्त के साथ आत्महत्या कर ली थी। पीड़िता ने साल 2019 में राय के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था। घोसी से सांसद अतुल राय फिलहाल नैनी जेल में बंद हैं, हालांकि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अतुल राय अभी जेल में ही रहेंगे।

पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा- HC जाएंगे

जानकारी के अनुसार, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सियाराम चौरसिया ने शनिवार (6 अगस्त) को सांसद अतुल राय को बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया। सांसद अतुल राय के रेप मामले में बरी होने के बाद उनके छोटे भाई पवन कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कोर्ट के इस फैसले से साबित हो गया है सांसद को कुछ लोगों ने इस केस में झूठा फंसाया था। वहीं, पीड़ित पक्ष के वकील राजेश यादव ने बताया कि अब हम ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। बता दें कि अतुल राय ने जेल में रहते हुए सांसद का चुनाव जीता था।

साल 2018 का है मामला

दरअसल, यह पूरा मामला 2018 का है जब पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि अतुल राय ने करीब एक साल उसका यौ उत्पीड़न किया था। पीड़िता ने दावा किया था कि पहली घटना साल 2018 में हुई थी, जब वह वाराणसी में सांसद व उसके परिवार से मिलने उसके अपार्टमेंट में गई थी। मऊ की रहने वाली पीड़िता वाराणसी के एक विश्वविद्यालय की छात्रा थी।

2019 में अतुल राय ने किया था सरेंडर

पीड़िता ने यह भी शिकायत में बताया था कि अतुल राय ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न की घटना को रिकॉर्ड किया था और धमकी दी थी कि पुलिस के पास शिकायत की तो वीडियो को वायरल कर दिया जाएगा। इसी मामले में महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर राय के खिलाफ मई 2019 में वाराणसी में बलात्कार और आपराधिक धमकी सहित विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में 22 जून, 2019 को राय ने कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसमें उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने किया था सुसाइड

इस मामले में 16 अगस्त, 2021 को पीड़िता और उसके 27 वर्षीय दोस्त ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर सहयोग न देने और अतुल राय का बचाव करने का आरोप लगाया था। आत्महत्या से पहले पीड़िता ने अपने फेसबुक पर लाइव जाकर पूरी आपबीती सुनाई थी और फिर सुप्रीम कोर्ट के सामने सुसाइड कर लिया था। उन्होंने सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर पर भी राय की मदद करने और उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया था। बाद में, उत्तर प्रदेश पुलिस ने राय और ठाकुर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला हजरतगंज थाने में दर्ज किया था।