Bengal Woman Death News: पश्चिम बंगाल में इनदिनों एक युवती की मौत के कारण सियासत गरमाई हुई है। सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के नेता आमने-सामने हैं, जमकर बयानबाजी हो रही है। एक तरफ जहां टीएमसी युवती की मौत को हादसा बता रही है। वहीं, दूसरी ओर बीजेपी नेता इसे महिला सुरक्षा से जोड़कर टीएमसी को घेर रहे हैं। आइये बताते हैं पूरा मामला क्या है।

महिलाओं के लिए नर्क बनाने का आरोप लगाया

दरअसल, सोमवार को बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले में एक 27 साल के युवती की सड़क हादसे में मौत हो गई। इस घटना के बाद बीजेपी के लोकसभा सांसद सुकुंता मजूमदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बंगाल को महिलाओं के लिए नर्क बनाने का आरोप लगाया है।

बीजेपी के वार के कुछ घंटों बाद टीएमसी नेता ने एक्स पर एक वीडियो बयान में जवाब दिया, जिसमें उन्होंने सबसे पहले इस अटकल को खारिज किया कि युवती की मौत से पहले उसका यौन उत्पीड़न किया गया था। उन्होंने अज्ञात लोगों (बीजेपी कार्यकर्ता की ओर इशारा करते हुए) पर ऐसी कहानी “प्लांट” करने का आरोप लगाया।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, सोमवार देर रात स्थानीय पुलिस ने पुष्टि की कि एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में काम करने वाली युवती की सड़क हादसे में मौत हो गई। घटना की शुरुआती जांच से पता चला कि उसकी कार पनागढ़ (कोलकाता से लगभग 150 किमी) के पास पलट गई। हादसा तब हुआ जब वो बिहार के गया जाने वाले एनएच-19 पर एक दूसरे कार से ‘रेसिंग’ कर रही थी।

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महिला की पहचान हुगली जिला निवासी सुचंद्रा चट्टोपाध्याय के रूप में हुई है। दावा किया गया कि सुचंद्रा और उनके तीन को-वर्कर की कार पलट गई, क्योंकि वे दूसरी कार से बचकर भागने की कोशिश कर रहे थे, जिसमें पांच पुरुष थे। कथित तौर पर वो उनका यौन उत्पीड़न कर रहे थे।

ये दावे तब सामने आए जब पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि युवती की कार पेट्रोल स्टेशन पर पेट्रोल भरवा रही थी, तभी दूसरी कार आई और “पुरुषों (उस कार में) ने सुचंद्रा पर गंदे कमेंट करना और लापरवाही से गाड़ी चलाना शुरू कर दिया”।

सुचंद्रा के एक को-वर्कर मिंटू मंडल ने पत्रकारों को बताया कि दूसरी कार में सवार नशे में धुत लोगों ने अश्लील टिप्पणियां कीं, जिससे उन्हें गाड़ी तेज़ चलाने और भागने की कोशिश करने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि, इस दावे को तुरंत खारिज कर दिया गया।

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आसनसोल-दुर्गापुर के पुलिस आयुक्त सुनील कुमार चौधरी ने पत्रकारों को बताया, “यह एक प्रेरित अभियान है… हम झूठ फैलाने के पीछे के मकसद की जांच करने जा रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि दुर्घटना से ठीक पहले के सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि असलियत में सुचंद्रा की कार दूसरी कार का पीछा कर रही थी। उनके अनुसार, युवती की कार में पेट्रोल भरा गया और वो NH19 पर वापस आ गई। फिर, पानागढ़ से ठीक पहले, दूसरी कार उनकी गाड़ी से पहले राजमार्ग पर आ गई।

मामले में अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं

उसके बाद क्या हुआ, इसकी जांच की जा रही है। मामले में अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है। इस बात से नाराज युवती के परिवार ने कांकसा पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया कि दूसरी कार में सवार लोगों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। जबकि उनकी बेटी के सहकर्मी, जो सौभाग्य से घायल होने के बावजूद बच गए, उन्हें घंटों तक हिरासत में रखा गया।

उन्होंने दुख जताते हुए कहा, “मेरी बेटी मर चुकी है और सफेद वाहन में सवार लोग अभी भी आज़ाद हैं।” मृतका की मां तनुश्री चटर्जी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से तत्काल कार्रवाई की मांग की और अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष और गहन जांच का आश्वासन दिए जाने के बाद ही वे मौके पर से हटे।