बिहार के जमुई का रहने वाला फर्जी आईपीएस मिथिलेश मांझी जो बीते दिनों खुद को ठगी का शिकार बताकर सुर्खियां बटोर रहा था, असल में खुद ही बहुत बड़ा ठग है। अपनी कहानी से लोगों की साहनुभूति ले रहे मिथिलेश ने गांव के कई युवाओं के साथ रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है। ये सभी युवा अब पुलिस से मदद मांगने के लिए पहुंचे हैं।

12 लोगों से ठगी करने का है आरोप

खबर है कि खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर मिथिलेश ने लगभग 1 लाख 95 हजार की ठगी कर ली। पूरी ठगी को सत्यता प्रदान के लिए मिथिलेश खुद युवकों को जमुई स्टेशन ले गया औक वहां तैनात रेलवे गार्ड को दिखाते हुए कहा कि उन्हें यही नौकरी मिलेगी।

ठगी का शिकार हुए युवाओं ने बताया कि मिथिलेश ने उन्हें हरी और लाल झंडी थमा कर कहा कि उनकी नौकरी पक्की है। ठगी का शिकार हुए युवकों ने सिकंदरा थाना में शिकायत दर्ज कराई है।

लखीसराय में मामला दर्ज कराने को कहा

आरोप है कि मिथिलेश मांझी ने आईपीएस होने का दावा करके रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 12 लड़कों से ठगी की है। नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार युवकों ने 10 अक्टूबर को सिकंदरा थाना में आवेदन दिया। हालांकि, सिकंदरा पुलिस ने उन्हें लखीसराय जिला के हलसी थाना में मामले दर्ज कराने को कहा।

पीड़ितों का कहना है कि मिथिलेश उन्हें लगातार बेवकूफ बनाते रहा उन्होंने जब उससे पूछा कि हम पढ़े-लिखे नहीं हैं तो सरकारी नौकरी कैसे मिलेगी तो उसने कहा कि वो भी तो अनपढ़ है लेकिन IPS बन गया न। पीड़ित विमल मांझी ने बताया है कि मिथिलेश उसके पास आया और नौकरी के बदले उससे 15 हजार लिए। फिर बाद में और 13 हजार लिए ये कहते हुए कि सारे कागजात पटना से बनकर आएंगे। इस काम में अधिक पैसे लगेंगे।

विमल मांझी ने कहा कि मिथिलेश मुझे जमुई स्टेशन भी ले गया और कहा कि यहीं तुम्हारी पोस्टिंग होगी। लेकिन नौकरी तो नहीं मिली पर उसने मुझसे 90 हजार रुपये ठग लिए। पुलिस की जांच के बाद हमें सच्चाई का पता चला।

वहीं, जय राम कुमार ने बताया कि इस पूरी ठगी में मिथिलेश के फूफा सोखो भी शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि मिथिलेश अब एसपी बन गया है। अब मेरी भी रेलवे में नौकरी लग जाएगी। सोखो ने कहा कि इसके लिए मुझसे डेढ़ लाख रुपये की मांग की गई थी, जिसमें मैंने 12 हजार रुपये ही दिए”।