इस बार बिहार विधानसभा के चुनाव में किसी भी पार्टी ने दागियों या उनके रिश्तेदारों को टिकट देने से कोई परहेज नहीं किया है। आज हम बात कर रहे हैं पूर्णिया के रुपौली विधानसभा सीट की जदयू प्रत्याशी बीमा भारती के पति अवधेश मंडल की। अवधेश मंडल की छवि इलाके में बाहुबली की है। अवधेश मंडल पर अपहरण, हत्या, जमीन कब्जा और फिरौती के कई आरोप और केस दर्ज हैं। फिर भी उनकी पत्नी बीमा भारती बिहार सरकार में मंत्री रही हैं। यह वही बीमा भारती हैं जिन्हें पति अवधेश मंडल ने नशे में ज़बरदस्त पिटाई कर दी थी, जिसके बाद बीमा भारती कई दिन तक अस्पताल में भर्ती भी रही थी।
बहरहाल, घरेलू हिंसा के अलावा बीमा भारती के पति पर कई और संगीन अपराध के मामले भी दर्ज हैं। अवधेश मंडल उस वक्त अचानक सुर्खियों में आए थे जब पूर्णिया के मरंगा थाने से उनके समर्थकों ने पुलिस के कब्जे से छुड़ा लिया और वह फरार हो गये। उस वक्त आरोप लगे थे कि बीमा भारती ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर उनको थाने से भगाने में मदद की थी।
अवधेश मंडल का जेल से किसी शख्स से बात करता हुआ वीडियो वायरल हो गया था जिसके बाद प्रशासन पर गंभीर सवाल उठे थे। वीडियो देखकर ऐसा लग रहा था कि अवधेश मंडल जेल से रंगदारी, फिरौती, जमीन कब्जा समेत कई काम कर रहे थे। हालांकि डीएम ने वीडियो से पल्ला झाड़ लिया था।
बीमा भारती के पति अवधेश मंडल पर रुपौली में ही महादलित समुदाय को आवंटित कई एकड़ जमीन पर कब्जा करने का भी आरोप लगा था। इस जमीन पर कब्जे को लेकर दो गुटों में काफी खूनी संघर्ष हुआ था जिसके कई लोगों की जान भी चली गई थी।
कभी नीतीश कुमार तो कभी लालू प्रसाद यादव के करीबी रह चुके बाहुबली की क्राइम कुंडली काफी दिलचस्प है। जब पटना में अवधेश मंडल के बेटे की सरेआम लाश मिली थी तब सभी हैरान रह गए थे। इस मामल में अवधेश मंडल ने अपने कुछ पुराने सहयोगियों पर राजनीतिक रंजिश में हत्या कराने का आरोप लगाया था।
2 फरवरी 2015 को बीमा भारती ने आरोप लगायाथा कि उन्हें मांझी को समर्थन देने के लिए मंत्री विनय बिहारी और सुमित सिंह द्वारा धमकाया जा रहा है। सचिवालय थाने में बीमा भारती ने तत्कालीन मंत्री विनय बिहारी और सुमित सिंह के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। बीमा भारती खुद अपने पति पर दूसरी शादी करने और उनकी पिटाई करने का आऱोप लगा चुकी हैं।
रुपौली सीट से जेडीयू की बीमा भारती विधायक हैं और वो नीतीश सरकार में मंत्री भी रही हैं। बीमा भारती 2005 के कुछ महीनों को छोड़कर अब तक विधानसभा का प्रतिनिधित्व करती आ रही हैं। साल 2000 में निर्दलीय विधायक के तौर पर उन्होंने राजनीतिक सफर शुरू किया था। वो आरजेडी के टिकट पर भी चुनाव जीत चुकी हैं।

