बिहार में 90 के दशक में अशोक सम्राट, छोटन शुक्ला जैसे बाहुबलियों का दौर था। उन दिनों बिहार में अपराधी भी जातीय गुट में बंट गए थे और गैंगवार चरम पर थी। मुजफ्फरपुर को उस वक्त अपराधियों का गढ़ माना जाता था, चारों तरफ वर्चस्व की जंग छिड़ी थी। हर कोई खून का प्यासा था और उस दौर में हुई हत्याओं की लंबी फेहरिस्त है। जिनमें से एक बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड भी एक है।
90 के दशक में बृज बिहारी प्रसाद की एंट्री कॉलेज के दौर में हुई। राजनीतिक दिलचस्पी थी जिसके चलते वह आगे चलकर मंत्री भी बने थे। हालांकि, शुरुआती दिनों दलितों और पिछड़ों के राजनीति के चलते बृज बिहारी प्रसाद के कई दुश्मन बन गए थे। जिनमें छोटन शुक्ला जैसा मुख्य किरदार भी शामिल था। हालांकि, छोटन शुक्ला और बृज बिहारी प्रसाद के बीच तनातनी बहुत विकट वाली थी।
इस दुश्मनी में बातचीत का कोई विकल्प नहीं था बस लाशें गिरना ही अंतिम सत्य रहा। पहले छोटन शुक्ला ने बृज बिहारी को घाव दिया फिर बृज बिहारी ने छोटन शुक्ला को दर्द दिया। फिर 1994 में छोटन शुक्ला की हत्या कर दी गई, जिसका आरोप बृज बिहारी प्रसाद पर लगा। इसके बाद शुक्ला गैंग की कमान भुटकुन शुक्ला ने संभाली और बृज बिहारी के खास आदमी ओंकार सिंह की हत्या में उसका नाम आया।
हालांकि, कुछ दिनों बाद भुटकुन शुक्ला भी मार दिया गया। 1998 में बृज बिहारी प्रसाद राबड़ी सरकार में मंत्री थे। भुटकुन की मौत के बाद खतरा उन पर भी था। लेकिन इसी साल 1998 में एडमिशन घोटाले में बृज बिहारी प्रसाद अरेस्ट हो गए। बृज बिहारी ने गिरफ्तारी के बाद सीने में दर्द होने की बात कहकर खुद को पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती करा लिया।
पुलिस सुरक्षा के बीच बृज बिहारी अस्पताल में भर्ती रहे। लालू के करीबी होने के चलते बृज बिहारी का रूतबा भी था। बिहार में जातीय संघर्ष की आग अब भी जल रही थी। बृज बिहारी को खुद भी खतरे का अंदेशा था। 13 जून की तारीख थी और साल 1998। बृज बिहारी प्रसाद पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बीच टहल रहे थे।
इसी बीच, एक लाल बत्ती लगी कार में यूपी का डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला अपने तीन साथियों के साथ परिसर में घुसा। इसके बाद बृज बिहारी प्रसाद को एके-47 से छलनी कर श्रीप्रकाश शुक्ला फरार हो गया। एके-47 की तड़तड़ाहट से पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हड़कंप मच गया। कहा जाता है कि यूपी के डॉन को श्रीप्रकाश शुक्ला को खौफ की दुनिया में असली शोहरत बिहार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद के हत्याकांड से ही मिली थी।