आजादी के बाद से जहां भारत ने खुद को दुनिया के अन्य देशों की कतार में खड़ा किया, वहीं इस दौरान कई बड़े घोटाले भी हुए जिन्होंने देश को भारी नुकसान पहुंचाया। जब इन घोटालों (Scams) का भंडाफोड़ हुआ तो ऐसे नाम सामने आए, जिनके बारे में लोगों ने कल्पना भी नहीं की थी। इनमें से कुछ घोटाले ऐसे भी थे जिनके चलते सत्ता पक्ष चंद महीनों में विपक्ष की सीट तक पहुंच गया।

कोयला घोटाला: देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक कोयला घोटाला (Coal Mining Scam) माना जाता है। जिस समय यह घोटाला हुआ, उस वक्त यूपीए की सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। साल 2004 से 2009 की अवधि वाले इस घोटाले में करीब 100 कंपनियों को नियमों से विरुद्ध जाकर कोयला खदानों का आवंटन किया गया था। तब माना गया था कि इस घोटाले से देश को करीब 1.86 लाख करोड़ का नुकसान हुआ था। इस घोटाले में कैग (CAG) ने तत्कालीन सरकार पर मनमाने ढंग से सार्वजानिक और निजी क्षेत्रों की कंपनियों को कोयला भंडार के गलत आवंटन का आरोप लगाया था।

2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला: देश के सबसे बहुचर्चित घोटालों में एक 2जी स्पेक्ट्रम स्कैम साल 2008 में सामने आया था। इस घोटाले में केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) ने 2जी स्पेक्ट्रम में खामियां पाई थी। साल भर बाद 2009 में सीबीआई ने केस हाथ में लेते हुए मामला दर्ज किया गया था। इस घोटाले में नौबत यहां तक आ गई थी कि तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा (A. Raja) को पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद में दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, खुद मंत्री रहे ए राजा और राजा के पूर्व निजी सचिव को अरेस्ट किया गया था। हालंकि, इस घोटाले (2G Spectrum Case) में साल 2017 में सभी आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया था।

शारदा चिटफंड स्कैम: पश्चिम बंगाल की शारदा नाम की चिटफंड कंपनी ने लोगों को किसी स्कीम में निवेश की गई धनराशि का 25 साल में 34 गुना तो किसी स्कीम में 15 महीने में दोगुना रिटर्न जैसा लोक लुभावन वादा दिया। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में खूब सारे लोगों ने इस कंपनी में निवेश किया। असली खेल तो तब हुआ जब निवेशकों ने मुनाफे वाले पैसे तो छोड़िए मूलधन भी नहीं दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में 14 लाख निवेशकों से करीब 1200 करोड़ से अधिक की रकम जुटाई गई थी, वहीं इन घोटालों (Saradha scam) की आंच पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी व ममता बनर्जी तक भी पहुंची थी।

सत्यम घोटाला: देश के सबसे बड़े ऑडिट फ्रॉड में सत्यम घोटाले (Satyam Scam) का नाम शामिल है। सत्यम कंपनी को खड़ा करने वाले रामालिंगा राजू ने कंपनी की बैलेंसशीट में मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया था। जिसके पीछे राजू ने कंपनी के खातों में भारी हेर-फेर किया था। जब 2009 में घोटाला खुला तो पता चला कि इसमें 7000 करोड़ के करीब की धोखाधड़ी की गई थी। साथ ही जिस मुनाफे को कंपनी द्वारा 24 फीसदी तक बताया जा रहा था, असल में वह 3 फीसदी का ही था।

राष्ट्रमंडल घोटाला: देश की राजधानी दिल्ली में साल 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए, जिसने भारत का नाम दुनिया भर में रोशन किया लेकिन एक घोटाले के ठप्पे ने बड़ा दाग दे दिया। दिल्ली में हुए इस आयोजन में उपकरण और सामानों को भारी कीमतों में खरीदने के साथ कई और धोखाधड़ी शामिल थी। साल 2011 में सामने आये अनुमानित 70 हजार करोड़ के घोटाले (Commonwealth Games Scam) में सुरेश कलमाड़ी को मुख्य अभियुक्त बनाया गया था।