Bhopal News: मध्य प्रदेश के भोपाल से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां पुलिस ने एक व्यक्ति को एक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर व अपने मालिक की मौत के बाद 21 लाख रुपये की चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी तुलसीराम ने अपने दिवंगत मालिक की लक्जरी गाड़ी को बेचने की कोशिश की, लेकिन सौदा फाइनल होने से पहले ही वो पकड़ा गया।

जांच के लिए दो टीम का गठन किया गया

रिपोर्ट के अनुसार इस संबंध में टीटी नगर स्टेशन हाउस अधिकारी, सुधीर अरजारिया ने गिरफ्तारी की पुष्टि की और मामले का जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चोरी की जांच के लिए पुलिस ने दो टीमें बनाईं थीं। एक टीम ने 35-40 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से फुटेज का विश्लेषण किया और चोरी के वाहन के गतिविधि को मैप किया। इस बीच, दूसरी टीम ने गवाहों और स्थानीय लोगों से पूछताछ की।

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पूछताछ के दौरान, पुलिस को ये सबूत मिला कि तुलसीराम को प्लैटिनम प्लाजा से वाहन चलाते हुए देखा गया था, जहां दिवंगत मालिक ने इसे पार्क किया था। ऐसे में पुलिस ने तुलसीराम के लोकेशन को ट्रैक किया, उसे घेरा और चोरी के थार को बरामद किया। पूछताछ के दौरान, तुलसीराम ने अपराध कबूल किया और अपने काले कारनामे की पूरी जानकारी दी।

इस तरह चोरी की घटना को दिया अंजाम

तुलसीराम जो एक मोमोज शॉप में काम करता था, वाहन के मालिक, सचिन गोखले की मौत के बारे में जानने के बाद, उसे जीप चुराने का मौका दिखाई पड़ा। ये जानकर कि गाड़ी की चाबी एसबीआई के गेस्ट हाउस में गोखले के फ्लैट में थी, जहां उसका भाई काम करता था, उसने अपने भाई की मदद से फ्लैट कीज़ को एक्सेस किया और फिर पार्क की हुई जीप लेकर निकल गया।

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जब एक पार्किंग गार्ड ने उससे पूछताछ की, तो उसने झूठा दावा किया कि वो इंदौर में गोखले के परिवार में जीप लेकर जा रहा है। हालांकि, जब परिवार को चोरी का पता चला तो उन्होंने पुलिस स्टेशन में एफआईआर दायर की। तुलसिराम ने तब अपने दोस्त शभम का जन्मदिन मनाने के लिए थार चुराया था।

आगे की पूछताछ कर रही पुलिस

हालांकि, जीप सड़क हादसे का शिकार हो गई। हादसे में गाड़ी के बम्पर को नुकसान पहुंचा। ऐसे में जीप की मरम्मत कराई और उसे बेचने की कोशिश की। हालांकि, इससे पहले कि वो सौदे को अंतिम रूप दे पाता, पुलिस ने उसे ट्रैक किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब ये निर्धारित करने के लिए आगे की पूछताछ कर रही है कि क्या तुलसीराम का कोई साथी था।