कर्नाटक के बेंगलुरु में स्टेट चैंपियनशिप के दौरान किक बॉक्सर की मौत हो गई। इस मामले में किक बॉक्सर के पिता ने आयोजकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद आयोजकों ने अपना फोन बंद कर लिया और उनके बेटे को न तो प्राथमिक उपचार दिया गया और न ही उसे अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं दी गईं।

स्टेट चैंपियनशिप के दौरान किक बॉक्सर की मौत के मामले में अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि बेंगलुरु पुलिस ने किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप के आयोजकों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया है। मृतक की पहचान निखिल एस (23) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि वह मैसूर का रहने वाला था। घटना के संबंध में निखिल के माता-पिता विमला आर और सुरेश पी ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

बेंगलुरु पुलिस ने बताया कि, घटना 10 जुलाई को किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप के दौरान हुई थी। इस प्रतियोगिता का आयोजन ज्ञान ज्योति नगर स्थित पाई इंटरनेशनल बिल्डिंग में हुआ था। घटना के एक वीडियो में दिख रहा है कि निखिल को उसके प्रतिद्वंद्वी द्वारा चेहरे पर मुक्का मारा गया, जिसके बाद वह रिंग में गिर गया था। इसके बाद निखिल को बेहोशी की हालत में बेंगलुरु के नागरभवी के जीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

हालांकि बाद में निखिल ने जीएम अस्पताल में बुधवार को दम तोड़ दिया। निखिल की मां विमला ने कहा कि उन्हें 10 जुलाई को शाम करीब छह बजे अपने मोबाइल फोन पर एक व्यक्ति का फोन आया, जिन्होंने कहा कि उनके बेटे को खेलते समय चोटें आई हैं। जबकि निखिल के पिता सुरेश ने आयोजकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

निखिल के पिता सुरेश ने आरोप लगाया कि किक बॉक्सिंग रिंग की फर्श पर डाली गई चटाई (मैट) बहुत ही पतली थी। ऐसे में खेल के दौरान निखिल जैसे ही जमीन पर गिरा, वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आयोजकों ने घायल होने पर कोई प्राथमिक उपचार नहीं दिया। यहां तक कि उनके पास पैरामेडिकल यूनिट, ऑक्सीजन या स्ट्रेचर की सुविधा भी उपलब्ध नहीं थी।

किक बॉक्सर के पिता सुरेश ने यह भी आरोप लगाया कि स्टेट चैंपियनशिप के आयोजक नवीन रविशंकर ने घटना के बाद अपना मोबाइल फोन ही बंद कर दिया था। हालांकि, इस मामले में ज्ञान भारती पुलिस ने कहा कि उन्होंने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (ए) के तहत आयोजकों के खिलाफ लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया है और वह निखिल की मौत की जांच कर रहे हैं।