Bengaluru Crime News: बेंगलुरु स्थित एक ऑनलाइन ‘डेटा साइंस प्रोग्राम’ फर्म के सीईओ को छात्रों को शैक्षिक ऋण देने के झूठे वादे पर धोखा देने और मंजूर रकम का दुरुपयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि स्कैमर्स ने लगभग 2,000 छात्रों को ठगा और कुल 18 करोड़ रुपये जमा किए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र के नाम पर लिया गया लोन 2 लाख रुपये से अधिक का था।

महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में भी ठगी का कारनामा

पुलिस ने गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान गीकलर्न के श्रीनिवास सीईओ के रूप में की है। पुलिस टीम अभी तक अन्य आरोपी मुख्य वित्तीय अधिकारी रमन पी सी और संचालन प्रमुख अमन को गिरफ्तार नहीं कर पाए हैं। गीकलर्न जयनगर में साउथेंड सर्कल के पास एक कार्यालय से संचालित होता है। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) पी कृष्णकांत ने खुलासा किया कि कथित धोखाधड़ी योजना पड़ोसी राज्यों में भी चल रही थी। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के पुलिस अधिकारियों ने भी मुख्य आरोपी श्रीनिवास की हिरासत की मांग की थी।

छात्र की शिकायत के बाद हरकत में आई पुलिस

मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह घटना तब सामने आई जब दिसंबर में गीकलर्न के 24 महीने के डेटा साइंस कोर्स में दाखिला लेने वाले 26 वर्षीय एक छात्र ने सीईओ और अन्य अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता के अनुसार, उनके और आरोपी के बीच समझौता हुआ था कि उनके नाम पर ऋण लिया गया था, जिसमें छात्रवृत्ति के रूप में समान मासिक किस्त (EMI) उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही थी।

बिना बताए रद्द किया छात्रों के साथ हुआ समझौता

एक जांच अधिकारी ने कहा, “जब तक छात्र को रोजगार नहीं मिल जाता, तब तक फर्म को ईएमआई का भुगतान जारी रखना था, जिसके बाद जिम्मेदारी छात्र पर आ जाएगी। हालांकि, आरोपी समझौते का सम्मान करने में विफल रहे। उन्होंने तीसरे महीने से छात्र के खाते में ईएमआई जमा करना बंद कर दिया और शेष भुगतान की मांग करते हुए कहा कि अज्ञात कारणों से समझौता रद्द कर दिया गया है। छात्र ने ऑनलाइन पाठ्यक्रम पूरा नहीं किया था और बेरोजगार था। उसने भुगतान के दायित्वों को पूरा करने में खुद को असमर्थ पाया।”

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13 और छात्रों ने फर्म के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत

पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक शिकायत के बाद 13 और छात्रों ने गीकलर्न अधिकारियों द्वारा धोखा दिए जाने के इसी तरह के आरोप लगाए। आगे की पूछताछ के लिए मुख्य आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। दूसरे आरोपियों को लेकर जांच तेज कर दी गई है।