सीबीआई ने गुरुवार को बंगाल एसएससी घोटाले के सिलसिले में दिल्ली और पश्चिम बंगाल में छह स्थानों पर छापे मारे। जानकारी के अनुसार, सीबीआई द्वारा पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग घोटाले के सिलसिले में दो सॉफ्टवेयर कंपनियों के परिसरों में तलाशी ली गई है।

सॉफ्टवेयर फर्मों की भूमिका सवालों के घेरे में

सीबीआई का दावा है ये सॉफ्टवेयर कंपनियां रिकॉर्ड में हेरफेर में शामिल थीं और इन कंपनियों ने कथित तौर पर अयोग्य उम्मीदवारों की भर्ती में मदद की थी। अधिकारियों के अनुसार, शिक्षकों की नियुक्ति में उम्मीदवारों के पक्ष में रिकॉर्ड में कथित रूप से हेराफेरी की गई, जिससे कंपनी की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है।

कंपनियों का रेड से कनेक्शन

बताया जा रहा है कि जिन जगहों पर छापा मारा गया वे कथित तौर पर टीएमसी कूचबिहार के नेता परेश अधिकारी की बेटी अंकिता के स्वामित्व में थीं। ज्ञात हो कि यह वही अंकिता अधिकारी हैं, जिनको अवैध रूप से नौकरी दी गई थी और बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर उनसे नौकरी वापस ले ली गई थी।

TMCvsBJP के बीच सीबीआई की हुई रेड

सीबीआई ने 18 मई को पश्चिम बंगाल के तत्कालीन शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी और उनकी बेटी अंकिता अधिकारी के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर शिक्षक के रूप में कथित अवैध नियुक्ति के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। सीबीआई यह छापेमारी तब हुई है जब राज्य में भाजपा पार्टी के भीतर बार-बार भ्रष्टाचार की खबरों को लेकर ममता सरकार पर दबाव बना रही है। पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पिछले एक हफ्ते में टीएमसी नेताओं के खिलाफ कई आरोप लगाते हुए दावा किया है कि ‘टीएमसी के 99% कार्यकर्ता भ्रष्ट हैं और केवल 1% ईमानदार हैं’।

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले से लिंक

शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी शामिल है, जिन्हें ईडी ने 23 जुलाई को ईडी ने गिरफ्तार किया था। दोनों 5 अगस्त तक ईडी की हिरासत में थे और फिर अदालत के आदेश पर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। ईडी ने दावा किया कि उसने मुखर्जी के स्वामित्व वाले फ्लैटों से करीब 50 करोड़ रुपए कैश, गहनें और सोने की छड़ें बरामद कीं और कुछ दस्तावेज भी बरामद किए हैं।