Bareilly Birthday Party Bawal: बरेली के एक कैफे में शनिवार को जन्मदिन के जश्न में कुछ उपद्रवियों द्वारा व्यवधान किए जाने और लव जिहाद के आरोप लगाए जाने के तीन दिन बाद 22 वर्षीय छात्रा ने कहा कि इस घटना ने उसे व्यथित कर दिया है। छात्रा ने कहा कि क्या अब मुझे दोस्तों का चुनाव उनके धर्म के आधार पर करना होगा?

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

अंतिम वर्ष की नर्सिंग छात्रा ने कहा कि मुझे बेहद शर्मिंदगी महसूस हो रही है कि मेरे दोस्तों को परेशान किया गया और उन पर हमला किया गया। मैं डर के मारे घर में ही बंद हूं और बाहर कदम नहीं रख रही हूं। 27 दिसंबर को 24 उपद्रवी कैफे में घुस गए और जन्मदिन मनाने वाले समूह और कर्मचारियों पर हमला किया। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।

बताया जाता है कि यह घटना पार्टी में मुसलिम समुदाय के दो युवकों की उपस्थिति के कारण हुई। पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्य आरोपी ऋषभ ठाकुर और दीपक पाठक गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल नहीं हैं। हालांकि ऋषभ और दीपक के बजरंग दल से संबंध होने का आरोप लगाया गया था, लेकिन संगठन के बरेली समन्वयक आर्यन चौधरी ने इस दावे का खंडन किया।

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पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में शान और वकीब नाम के दो युवकों और कैफे मालिक शैलेंद्र गंगवार को हिरासत में लिया था। अधिकारियों ने बताया था कि बाद में उन्हें निजी मुचलकों पर जमानत दे दी गई थी। बदायूं जिले की रहने वाली यह छात्रा पिछले चार वर्षों से नर्सिंग संस्थान के छात्रावास में रह रही है। उसके पिता किसान हैं और वह दो भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। बरेली में अपनी मौसी के घर पर रह रही उसने 27 दिसंबर को घटी घटना का ब्योरा दिया।

मोबाइल फोन छीनने की भी कोशिश

उसने कहा, ‘मैंने अपने 40 सहपाठियों को आमंत्रित किया था, लेकिन केवल 12 ही आ सके। उनमें वकीब और शान भी शामिल थे।’ उसने दावा किया कि दोपहर करीब 12:30 बजे उसके दोस्त कैफे में इकट्ठा हुए। लगभग एक घंटे बाद जब वह अपना जन्मदिन का केक काट रही थी, तभी हमलावरों का एक समूह नारे लगाते हुए अंदर घुस आया। उन्होंने मेरे सहपाठियों, वकीब और शान पर हमला करना शुरू कर दिया। उन्होंने हमारे धर्म के बारे में पूछताछ करते हुए मेरे सहित अन्य लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया।

छात्रा ने कहा कि मेरे दोस्तों ने उनसे हमें जाने देने की गुहार लगाई। हालांकि उन्हें हाल से बाहर धकेल दिया गया। हमलावरों ने वकीब और शान को पीटना जारी रखा, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। उसने आरोप लगाया कि हमलावरों ने उसका मोबाइल फोन छीनने की भी कोशिश की। उसने बताया कि हंगामे के बाद वह अपने संस्थान में वापस नहीं लौटी है और छात्रावास छोड़ दिया है।

छात्रा ने कहा – मैं अवसाद से गुजर रही हूं क्योंकि इसने न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे देश केआगे मेरी छवि को धूमिल कर दिया है। मुझे समझ नहीं आता कि इन हमलावरों को लोगों का न्याय करने और यह तय करने का अधिकार किसने दिया कि मुझे किससे दोस्ती करनी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि उसके माता-पिता और रिश्तेदारों ने कभी भी उसके मुसलिम दोस्तों से कोई आपत्ति नहीं जताई। मैं नियमित रूप से सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ तस्वीरें पोस्ट करती हूं – मैंने जन्मदिन का जश्न अपने माता-पिता से पूछने के बाद ही आयोजित किया। वे जानते हैं कि मेरे दोस्त कौन हैं। अगर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, तो ये लोग मुझे मार्गदर्शन देने वाले कौन होते हैं?

उन्होंने आगे कहा कि न तो उनकी परवरिश और न ही उनका पेशा उन्हें धर्म के आधार पर लोगों को आंकने या उनमें भेदभाव करने की शिक्षा देता है। छात्रा ने आगे आरोप लगाया कि हमला सुनियोजित प्रतीत होता है। उसने दावा किया, ‘कमरे में घुसते ही उन लोगों ने वकीब और शान को निशाना बनाया। पुलिस को इस बात की जांच करनी चाहिए कि उन्हें सूचना किसने दी।’