Bahubali brijesh singh Visit Kashi Vishwanath Temple With Family: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में खौफ का दूसरा नाम रहे बाहुबली बृजेश सिंह एक दशक से ज्यादा समय बाद अपने परिवार के साथ नजर आया। बृजेश सिंह को करीब 14 सालों के बाद सार्वजनिक तौर पर देखा गया, क्योंकि इससे पहले वह जेल में बंद था। बृजेश सिंह को हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्तार अंसारी पर जानलेवा हमले मामले में जमानत दी है। बृजेश ने गुरुवार, 11 अगस्त को पूरे परिवार समेत बाबा विश्वनाथ के सामने मत्था टेका।
काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचा बृजेश सिंह
इस दौरान बाहुबली बृजेश सिंह के साथ पत्नी अन्नपूर्णा सिंह व उसके अन्य करीबी भी देखे गए। बृजेश सिंह ने गुरुवार को काशी विश्वनाथ के साथ मारकंडेय महादेव मंदिर में दर्शन किए। कई सालों बाद सार्वजनिक तौर पर नजर आए बृजेश की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल है,जिनमें उनकी पत्नी व बेटे सागर सिंह भी नजर आ रहे हैं। इस मौके पर बृजेश सिंह के काफी संख्या में समर्थक भी मौजूद थे।
करीब 14 साल बाद जेल से आया बाहर
करीब 14 साल बाद जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद सामने आई बृजेश सिंह की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है। क्योंकि पिछले एक दशक से ज्यादा समय तक लोगों के मन में वही गिरफ्तारी, सरेंडर करने और पुलिस कस्टडी की तस्वीरों की छाप थी। आपको बता दें कि, बृजेश सिंह ने अपनी धमक का इस्तेमाल करते हुए और जेल में रहकर पत्नी अन्नपूर्णा सिंह को एमएलसी बनवा दिया था।
मुख्तार अंसारी पर हुआ था जानलेवा हमला
साल 2001 में मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमले और उसमें तीन हत्याओं का आरोप बृजेश सिंह पर है। जानकारी के अनुसार, साल 2001 में गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के उसरी चट्टी में मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला किया था। इस घटना के बाद बृजेश सिंह गायब हो गया था। कई बार तो अफवाह यह भी उड़ी थी कि उसे गैंगवार में मारा जा चुका है लेकिन फिर उसे साल 2008 में उड़ीसा से गिरफ्तार किया गया था।
मुख्तार ने बृजेश और त्रिभुवन सिंह पर दर्ज कराया था केस
हालांकि, मुख्तार पर हमले के मामले में जमानत मिलने के बाद बृजेश के वकील ने कहा था कि अब केवल 3 मामलों में ही उनके मुवक्किल पर ट्रायल जारी है। साल 2016 के चुनावी हलफनामे में बृजेश सिंह ने अपने खिलाफ 11 मुकदमे बताए थे। गाजीपुर के उसरी चट्टी हत्याकांड में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को नामजद करते हुए दर्जन भर से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पुलिस ने इस हत्याकांड में अदालत में 4 आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की थी।