मुंबई में शनिवार की रात एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी गई। बांद्रा ईस्ट में अपराधियों ने तीन बार विधायक रहे नेता की गोली मारकर हत्या कर दी। राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस से करने वाले सिद्दीकी साल 2024 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर एनसीपी (अजित पवार गुट) में शामिल हो गए थे। उनकी गिनती महाराष्ट्र के कद्दावर नेताओं में होती है।

विधानसभा चुनाव से ठीक दो महीने पहले हुई घटना ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। आज तक में छपी रिपोर्ट की मानें तो सिद्दीकी को 15 दिनों पहले जान से मारने की धमकी मिली थी। यही कारण था कि उनकी सुरक्षा बढ़ाते हुए उन्हें Y कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी।

हालांकि, Y कैटेगरी की सुरक्षा के बावजूद नेता की हत्या ने कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। उन्हें जिस तरह अपराधियों ने एकदम करीब से गोली मारी है, उसके बाद विपक्ष ने महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।

इधर, घटना के बाद पुलिस लगातार कार्रवाई में जुटी हुई है। अब तक मामले में दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पुलिस ने बताया कि एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने दावा किया है कि वे लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से हैं।

अपराध शाखा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों – हरियाणा के 23 वर्षीय गुरमेल बलजीत सिंह और उत्तर प्रदेश के 19 वर्षीय धर्मराज राजेश कश्यप ने पूछताछ के दौरान दावा किया कि वे वर्तमान में जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह से हैं। यह गिरोह कथित तौर पर बॉलीवुड स्टार सलमान खान पर गोलीबारी में भी शामिल था, जिनके साथ सिद्दीकी का करीबी संबंध था।

अधिकारियों के मुताबिक, आरोपियों ने हत्या की तैयारी के लिए पिछले 25-30 दिनों से इलाके की रेकी करने का भी दावा किया है। जांच में यह भी पता चला कि हमलावरों को एडवांस पेमेंट किया गया था और उन्हें कुछ दिन पहले ही हथियार मिले थे। इधर, गैंग ने भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए घटना की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है, “सलमान खान, हम ये जंग नहीं चाहते थे।”

गौरतलब है कि मामले में तीसरा आरोपी, जो सीधे तौर पर गोलीबारी में शामिल था, फरार है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि तीनों आरोपी ऑटो-रिक्शा से शूटिंग साइट पर पहुंचे और सिद्दीकी पर गोलियां चलाने से पहले कुछ देर तक वहां इंतजार किया। पुलिस को शक है कि हत्या में एक और शख्स भी शामिल है, जो शूटरों को सूचना दे रहा था।