असम में दो अलग-अलग घटनाओं में गुरुवार तड़के दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। चोरी के शक में लोगों की हत्या किए जाने की सिलसिलेवार वारदातों में यह सबसे नई घटना है। पहली घटना में, दरांग जिले के पद्मझार गांव में 45 साल के मजीबुल हक को कथित तौर पर बकरियां चुराने की कोशिश करने के संदेह में पीटकर मार डाला गया। वहीं, दूसरी घटना में 27 साल के बिनोद ब्रह्मा की तामुलपुर जिला स्थित उनके गांव तिनिपुखुरी में हत्या कर दी गई। उन पर भी गांव में एक घर से चोरी करने की कोशिश करने का शक था।
लिंचिंग की घटनाओं के बाद असम के डीजीपी जीपी सिंह ने कहा- सख्त एक्शन के निर्देश
लिंचिंग की इन घटनाओं के बाद असम के डीजीपी जीपी सिंह ने कहा कि अब तक सामने आए ऐसे सभी मामलों में “कानूनी कार्रवाई की गई है”। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मैंने एसपी को जाति, पंथ, धर्म के बावजूद ऐसे प्रत्येक मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मेरे लिए, कानून का कोई भी उल्लंघन चिंता का विषय है… मैंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी निर्देश दिए हैं ताकि जनता को विश्वास हो कि पुलिस नेतृत्व ऐसी गतिविधियों को नज़रअंदाज़ नहीं करता है और ऐसे सभी मामलों में वैध कार्रवाई करेगा।”
होजई के पूर्व बीजेपी विधायक शिलादित्य देव ने किया बामुनगांव गांव का दौरा
दोनों हत्याएं होजई जिले में हुई एक घटना के कुछ दिनों बाद हुई हैं। वहां 12 अगस्त को मवेशी चोरी के कथित संदेह में हिफज़ुर रहमान की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने गुरुवार को हत्या के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। रहमान की हत्या के बाद होजई के पूर्व बीजेपी विधायक शिलादित्य देव के बामुनगांव गांव का दौरा करने और गिरफ्तार लोगों के परिवारों से मिलने के एक दिन बाद गुरुवार को लिंचिंग की दो और घटनाएं हुई है।
चारों दिशाओं में मुस्लिम गांवों से घिरे अल्पसंख्यक की तरह रहते हैं हिंदू- शिलादित्य देव
शिलादित्य देव ने बामुनगांव गांव का दौरा करने के दौरान गिरफ्तार आरोपियों के परिवारों से मिलने के बाद मीडिया से कहा, “हालांकि यह एक हिंदू गांव है, लेकिन चारों दिशाओं में वे मुस्लिम गांवों से घिरे हुए हैं। इसलिए वे यहां अल्पसंख्यक के रूप में रह रहे हैं और कई वर्षों से आतंक में रह रहे हैं और चोरी के मामले सहन कर रहे हैं, लेकिन चूंकि वे यहां अल्पसंख्यक हैं, इसलिए पुलिस भी उनकी उपेक्षा करती है।”
दरांग और तामुलुर पुलिस ने बताया लिंचिंग मामले में हुई 17 लोगों की गिरफ्तारी
इससे पहले 24 जुलाई को मोरीगांव जिले में सद्दाम हुसैन नामक एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। भीड़ ने कथित तौर पर पशु तस्कर होने के संदेह में उसे और दो अन्य लोगों की पिटाई कर दी थी। मामले में इसके बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। दरांग पुलिस ने गुरुवार दोपहर को कहा कि उन्होंने हक की मौत के सिलसिले में पद्मझार और एक पड़ोसी गांव से 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। तामुलुर पुलिस ने कहा कि उन्होंने तीन लोगों को पकड़ा है और मुख्य आरोपी की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं।
दरांग के पुलिस अधीक्षक प्रकाश सोनोवाल ने दी लिंचिंग मामले की पूरी जानकारी
दरांग के पुलिस अधीक्षक (SP) प्रकाश सोनोवाल के अनुसार, हक उस गांव का निवासी नहीं था जहां उसकी हत्या की गई थी और पास ही नाओपोटा में रहता था। उन्होंने कहा, “घटना सुबह करीब 3:15 बजे हुई। स्थानीय इनपुट के मुताबिक, जब वह पकड़ा गया तो वह किसी के घर से बकरियों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहा था। उसने भागने की कोशिश की लेकिन शोर मच गया और लोग वहां जमा हो गए। पुलिस मौके पर पहुंची और उसे नजदीकी अस्पताल ले गई जिसके बाद हक ने दम तोड़ दिया।”
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तामुलपुर के एसपी पंकज यादव ने बताई लिंचिंग में बिनोद ब्रह्मा की मौत की कहानी
लिंचिंग में बिनोद ब्रह्मा की मौत पर तामुलपुर के एसपी पंकज यादव ने कहा, ‘वह कथित तौर पर चोरी के इरादे से एक घर में घुसा था। उस घर में रहने वाले, उनके परिजन और पड़ोसी इकट्ठा हो गये और उसके साथ मारपीट की, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। स्थानीय लोगों से पूछताछ से हमें पता चला है कि उसकी पत्नी कहीं और काम करती है और उसे इधर-उधर बेकार घूमने और किसी का भी सामान उठा लेने की आदत है।”