असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के बाद कौमी या निजी मदरसों के रजिस्ट्रेशन शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। बता दें कि, असम के कई जिलों से अलकायदा भारतीय उपमहाद्वीप मॉड्यूल (AQIS) के अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था।
असम के जिलों से अरेस्ट हुए थे 11 संदिग्ध
असम पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि इन 11 संदिग्धों को एक बड़े आतंकवाद विरोधी अभियान में मोरीगांव, बारपेटा, गुवाहाटी और गोलपारा से गिरफ्तार किया गया। असम पुलिस के मुताबिक, यह सभी एक्यूआईएस और एबीटी जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ संबंध रखने वाले इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं।
बांग्लादेश से की जा रही थी फंडिंग
राज्य में आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ते खतरे के बारे में पूछे जाने पर असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, जिहाद कोई मुद्दा नहीं है। हमने इन संगठनों से संबंध रखने वाले लोगों को गिरफ्तार किया है। बैंक खातों की जानकारी में सामने आया है कि इन सभी को बांग्लादेश से फंडिंग की जा रही है। यह सारे तथ्य नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID), बेंगलुरु की खुफिया जानकारी पर आधारित है।
CM हिमंत बिस्वा सरमा ले सकते हैं एक्शन
सीएम सरमा ने कहा, “असम जिहादी गतिविधियों को चलाने के लिए सार्वजनिक मदरसों के इस्तेमाल को रोकने के लिए राज्य में कौमी मदरसों का ‘पंजीकरण’ शुरू करने पर विचार कर रहा है। जबकि असम सरकार ने पहले ही सभी सरकारी मदरसों को बंद कर दिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अनुसार, बांग्लादेश सरकार हाल ही में कट्टरपंथी समूहों के खिलाफ बहुत सख्त रही है, ऐसे में अब वह असम में घुसपैठ कर रहे हैं।
अल्पसंख्यक बोर्ड के अध्यक्ष बोले- निजी मदरसे जिहाद के कारखाने
वहीं, असम राज्य भाषाई अल्पसंख्यक बोर्ड के अध्यक्ष शिलादित्य देब ने कहा, निजी मदरसे असम में जिहाद के लिए कारखाने हैं। शिलादित्य देब ने बताया कि हम एक ऐसे बम पर बैठे हैं, जो कभी भी फट सकता है। ऐसे में यह सबसे ज्यादा सही समय है कि इन मदरसों को बंद कर दिया जाना चाहिए।
3 महीने में अरेस्ट हुए ABT से जुड़े 20 संदिग्ध
सरकार से जुड़े लोगों का मानना है कि आतंकवादी संगठन धीरे-धीरे असम को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वे बांग्लादेश के रास्ते प्रदेश में घुस रहे हैं और यहां के मुस्लिम युवाओं को ‘हदीस’ की शिक्षा देकर भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि, जिहादी गतिविधियों को कथित रूप से अंजाम देने के आरोप में पिछले तीन महीनों के भीतर असम में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े होने के संदेह में लगभग 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।