गुजरात के गांधीनगर से हत्या की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां के मोखासन गांव के दो भाइयों ने कथित तौर पर एक शख्स की चाकू घोंपकर हत्या कर दी। वहीं, हत्या के बाद उसकी आंतों हवा में उछाल दिया। घटना के संबंध में पुलिस ने कहा कि भाइयों में उस शख्स के प्रति गहरी नाराजगी थी, क्योंकि वो उनकी मां के साथ लंबे समय से संबंध में था। इसी कारण उन्होंने उसकी हत्या कर दी।

15 साल से अधिक समय से चल रहा था अफेयर

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कलोल तालुका पुलिस में दर्ज एफआईआर में कहा गया कि 27 साल के संजय ठाकोर और 23 साल जयेश ठाकोर, 45 साल के राजमिस्त्री रतनजी ठाकोर काफी नाराज थे। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका उनकी मां के साथ 15 साल से अधिक समय से संबंध था।

पुलिस के अनुसार, भाइयों का मानना ​​था कि इस संबंध ने उनके दिवंगत पिता की यादों को अपमानित किया और उनके परिवार को शर्मिंदा किया। पीड़ित के बेटे अजय ने पुलिस में दर्ज अपनी एफआईआर में आरोप लगाया कि दोनों भाइयों ने रतनजी को बार-बार अपनी मां से दूर रहने की चेतावनी दी थी।

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कलोल तालुका पुलिस के जांच अधिकारी उन्नति पटेल ने कहा, “उन्होंने पीड़ित के साथ कई बार झगड़ा भी किया। भाइयों ने मामले में समुदाय के बुजुर्गों को भी शामिल किया, लेकिन मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के उनके प्रयास असफल रहे।”

काम को दौरान अरोपियों ने कर दिया हमला

गुस्से में आकर उन्होंने कथित तौर पर मामले को अपने हाथों में लेने का फैसला किया। रविवार को, जब रतनजी और उनके सहयोगी, जिकुजी परमार, गांव में एक घर के निर्माण में व्यस्त थे, संजय और जयेश चाकू और रॉड लेकर उनके पास पहुंचे। जयेश ने रॉड से उनके सिर पर वार किया और जब वे गिर पड़े, तो संजय ने उन पर कई बार चाकू से वार किया।

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क्रोध की आग में जल रहे आरोपियों ने रतनजी की आंतें निकालकर हवा में फेंक दीं। रतनजी के खून से लथपथ हो जाने पर उन्होंने उनके इंटरनल ऑर्गन को काट दिए। एफआईआर में आगे कहा गया है कि कुछ मजदूरों और रतनजी के दोस्त ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन दोनों भाइयों ने ग्रामीणों को दूर रखने के लिए खून से लथपथ चाकू और रॉड लहराई और मोटरसाइकिल पर भाग गए।

इंस्पेक्टर पटेल ने बताया कि उन्होंने आरोपियों के मोबाइल फोन लोकेशन का इस्तेमाल करके उन्हें ट्रैक किया और उसी दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर हत्या और उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

बीएनएस की धारा-103 क्या है?

देश में नया कानून लागू होने के बाद हत्या के इस मामले में दोनों भाइयों के खिलाफ बीएनएस की धारा-103 के तहत कार्रवाई हो सकती है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 हत्या (Murder) के अपराध को परिभाषित करती है, जिसमें बताया गया है कि अगर कोई शख्स जानबूझकर किसी दूसरे शख्स को जान से मारने के लिए हमला करता है। वहीं, उस हमले से सामने वाले शख्स की मौत हो जाती है, तो वो घटना हत्या कहलाती है।

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इस तरह की घटना को जो शख्स अंजाम देता उस पर अब बीएनएस की धारा 103 के तहत कार्यवाही की जाती है। जुलाई 2024 के पहले तक हत्या के मामलों में IPC Section 302 लागू होती थी, लेकिन बीएनएस के लागू होने के बाद से अब भविष्य में हत्या के सभी मामलों को BNS Section 103 के दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।

हत्या के अपराध को समझने के लिए जूरूरी बातें –

जान-बूझकर हत्या – इस मामले में यह देखा जाता है कि हत्या करने वाले शख्स का इरादा पहले से ही किसी को जान से मारने का था या नहीं। गैर-कानूनी तरीका – इस मामले में हत्या का कार्य गैर-कानूनी होना चाहिए, यानी कि किसी वैध कारण के बिना और कानून के खिलाफ जाकर हत्या किया गया हो।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 हत्या के अपराध के लिए कठोर दंड निर्धारित करती है। हत्या जैसा गंभीर अपराध करने के दोषी व्यक्ति को दो प्रकार से दंडित किया जा सकता है –

मृत्यु दंड: भारतीय कानून के अनुसार मृत्यु दंड (Death penalty) को सबसे कठोर दंड माना जाता है और विशेष रूप से जघन्य (Heinous) माने जाने वाले मामलों में ही दोषी (Guilty) व्यक्ति को दिया जाता है। ज्यादा क्रूरता, भाड़े पर हत्या, या जाति, धर्म, आदि के आधार पर हत्या जैसे मामलों में मृत्युदंड देने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।

आजीवन कारावास: इस सजा में व्यक्ति को अपना शेष यानी बचा हुआ जीवन जेल में ही बिताना पड़ता है। यह दंड अक्सर तब लगाया जाता है जब हत्या के अपराध में मृत्युदंड को उचित ठहराने वाली बातों या सबूतों (Evidences) की कमी पाई जाती है। इसके साथ ही, BNS Section 103 कारावास की सजा के साथ-साथ जुर्माना लगाने की अनुमति भी देती है।