Nainital High Court Rejected Petition: नैनीताल हाईकोर्ट ने अंकिता भंडारी मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) की जांच सीबीआई (CBI) से कराने वाली याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने एसआईटी (SIT) की जांच पर भरोसा जताते हुए कहा कि वह सही ढंग से अपना काम कर रही है। ऐसे में सीबीआई जांच कराने की कोई जरूरत नहीं है।उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court)के जज न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा (Justice Sanjay Kumar Mishra) की सिंगल बेंच (Single Bench) ने कहा कि एसआईटी संतोषजनक ढंग से काम कर रही है।
माता-पिता ने चार नवंबर को कोर्ट में दाखिल की थी याचिका
पिछले चार नवंबर को अंकिता की मां सोना देवी और पिता विरेंद्र सिंह भंडारी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कोर्ट से सीबीआई जांच कराने की याचना की थी। हाल ही में उत्तराखंड पुलिस ने 19 वर्षीय अंकिता भंडारी मर्डर केस के तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोटद्वार जूडिशियल कोर्ट के सामने पेश की थी।
पुलकित आर्या पर अंकिता को नहर में गिराकर मारने का आरोप है
24 सितंबर को ऋषिकेश स्थित चिल्ला कैनाल से बीजेपी के बर्खास्त नेता विनोद आर्या के बेटे पुलकित आर्या के रिजार्ट पर रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता का शव मिला था। उसका शव मिलने से करीब हफ्तेभर पहले उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने पुलकित आर्या को कहासुनी के बाद कथित तौर पर उसको नहर में धक्का देकर गिराने पर गिरफ्तार किया था। केस में दो अन्य लोग अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को भी गिरफ्तार किया गया था।
चार दिसंबर को उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच लगभग पूरी हो चुकी है, केवल आरोपियों का नार्को टेस्ट बाकी है, जिसके लिए उन्होंने कोटद्वार कोर्ट से तीनों आरोपियों का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी थी।
तीनों आरोपियों में दो ने टेस्ट देने के लिए अपनी सहमति दे दी है जबकि एक ने उत्तराखंड के कोटद्वार जूडिशियल मजिस्ट्रेट को अपना प्रार्थना पत्र भेजा है। राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट भी लगा दिया है।