Gujarat: गुजरात में देवभूमि द्वारका पुलिस ने आयुर्वेदिक सिरप की आड़ में अल्कोहलिक पेय बनाने और इसे बेचने के आरोप में पंजाब के एक फैक्ट्री मालिक सहित तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इससे दो हफ्ते पहले अहमदाबाद के पास भी हर्बल सिरप की आड़ में मादक पेय बनाने वाली एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। गुजरात में अल्कोहल पर आंशिक पाबंदी लागू है।

पुलिस की छापेमारी में आयुर्वेदिक सिरप के लेबल वाली 15,624 बोतलें जब्त

पंजाब के कारखाने के मालिक और देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया शहर के दो लोगों पर कार्रवाई तब हुई जब पुलिस ने खंभालिया के पास एक दुकान पर छापा मारा और आयुर्वेदिक सिरप के लेबल वाली 15,624 बोतलें जब्त कीं। हालाँकि, बोतलों में कथित तौर पर अल्कोहल था जिसे पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके बनाया नहीं किया गया था। बल्कि, आयुर्वेदिक अवयवों के औषधीय गुणों के कारण इसमें प्राकृतिक रूप से अल्कोहल होता था।

फर्जी दस्तावेज के जरिए खरीदा गया था 26.28 लाख रुपये का आयुर्वेदिक सिरप

पंजाब के व्यक्ति की पहचान संगरूर के प्रतापनगर निवासी पंकज खोसला के रूप में की गई है, जबकि खंभालिया के दो लोगों की पहचान चिराग थोभानी और अकरम बनवा के रूप में की गई है। खंभालिया पुलिस स्टेशन के प्रभारी पुलिस निरीक्षक एनएच जोशी ने भंवरी गांव के पास बनवा की एक दुकान पर छापा मारा था। जांच में पता चला कि बनवा और उसके साथी थोभानी के पास ऐसी दवा को स्टोर करने का लाइसेंस नहीं था। इसलिए, उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाए और संगरूर में खोसला की फैक्ट्री नारायणी हर्बल से 26.28 लाख रुपये का सिरप खरीदा।

आयुर्वेदिक सिरप के लेबल वाली बोतलों में पानी के साथ शराब मिलाकर पैक

देवभूमि द्वारका के पुलिस अधीक्षक नितेश पांडे ने कहा कि पूछताछ के दौरान खंभालिया के दोनों लोगों ने कहा कि उन्होंने नारायणी हर्बल से शराब की खेप खरीदी थी, जिसके बाद उन्होंने एक टीम पंजाब भेजी। टीम ने खोसला को गिरफ्तार कर लिया, जिसने बाद में पुलिस को बताया कि वह आयुर्वेद उत्पाद बनाने के अलावा पिछले डेढ़ साल से आयुर्वेदिक सिरप के लेबल वाली बोतलों में पानी के साथ शराब मिलाकर पैक कर रहा था और जल्दी पैसा कमाने के लिए किसी न किसी माध्यम से गुजरात में आपूर्ति कर रहा था।

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