उत्तरप्रदेश में सख्ती के बाद भी जहरीली शराब से मौत के मामले कम नहीं हो रहे हैं। इसी साल 150 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है। इसके बाद भी प्रदेश में गंगा किनारे दारू की अवैध भट्ठियां धड़ल्ले से चल रही है।
ताजा मामला ताजनगरी आगरा का है। जहां जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो चुकी है और कई की हालत गंभीर है। बुधवार को लोगों ने एक दुकान से शराब खरीदा और उसे पीने के बाद कई अस्पताल पहुंच गए। धीरे-धीरे लोगों की हालत बिगड़ने लगी। किसी ने अस्पताल पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ दिया तो किसी ने इलाज के दौरान।
इस बार भी सरकार ने कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं। तीन थाना प्रभारियों सहित नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, आबकारी विभाग ने भी तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया। साथ ही दो आबकारी निरीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। इस मामले में पुलिस ने नकली शराब पीने से चार व्यक्तियों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि छह अन्य की मौत के कारण का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
जहरीली शराब मामले में लखनऊ पुलिस कमिश्नर समेत कई अधिकारी नप चुके हैं लेकिन दारू की भट्ठियों को शायद ही ज्यादा नुकसान हुआ है। क्योंकि कार्रवाई के बाद भी प्रदेश में जहरीली शराब धड़ल्ले से बिक रहे हैं और लोग हर महीने दम तोड़ रहे हैं। पिछले 90 महीने में 176 लोग जहरीली शराब के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। कम से कम 11 जहरीली शराब के मामले सामने आए हैं।
अलीगढ़ में 35 की मौत
मई महीने में अलीगढ़ में 35 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो गई थी। ये सरकारी आंकड़ा है। इस दौरान 100 से ज्यादा शवों का पोस्टमार्टम हुआ था। तब अधिकारियों ने कहा था कि जैसे-जैसे जहरीली शराब से मौत की पुष्टि होती जाएगी, आंकड़े अपडेट होते रहेंगे। इस मामले में कई अबकारी अधिकारी नप गए थे।
आजमगढ़ में 33 मौतें
मई महीने में ही आजमगढ़ में भी जहरीली शराब ने अपना कहर ढाहा और 33 लोग मौत की आगोश में सो गए। 33 मौतों के बाद प्रशासन जागा और कई जगह छापेमारी की। इस दौरान शराब बनाने वाले कच्चा माल पुलिस के हाथ लगा था। यहां भी कार्रवाई हुई और कई आबकारी नप गए।
बुलंदशहर शराब केस
जनवरी महीने में कई लोगों ने अवैध शराब पी। शराब जहरीली निकली और 6 लोगों ने तड़प-तड़प कर जान दे दी। कई को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। यहां भी कार्रवाई हुई और अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया। लेकिन अवैध शराब का धंधा शहर में चल ही रहा है।
प्रयागराज में मौत का तांडव
मार्च महीने में जहरीली शराब ने अपना प्रकोप प्रयागराज में दिखाया और कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में तीन महिलाओं समेत सात आरोपी को गिरफ्तार किया था।
अंबेडकरनगर में तबाही
मई महीने में ही अंबेडरनगर में जहरीली शराब ने कथित रूप 17 लोगों को अपना शिकार बनाया और कई को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। सरकार की माने तो यहां पांच लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी।
ये तो कुछ ऐसे मामले थे जो हाल के दिनों में हुए हैं। इसके अलावा बदायूं, चित्रकुट, सहारनपुर, लखनऊ और प्रतापगढ़ में भी जहरीली शराब पीने ने दर्जनों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अकेले सहारनपुर में 2019 में 55 लोगों की जान जहरीली शराब पीने से हो गई थी। हर बार अवैध शराब के मामले आते हैं, कुछ अफसर सस्पेंड होते हैं और कुछ जगह छापा पड़ता है फिर हाल जस का तस ही हो जाता है। आज भी गंगा किनारे सैकड़ों अवैध दारू की भट्ठियां रोज मौत का सामान बना रही है।