आगरा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की एक 19 साल की कार्यकर्ता के साथ रविवार दोपहर को उसके पड़ोसी ने कथित तौर पर छेड़छाड़, दुर्व्यवहार और मारपीट की वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन ने शुरू में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने से इनकार कर दिया। क्योंकि 24 साल का आरोपी स्थानीय पुलिस कर्मियों का करीबी माना जाता है।

छेड़छाड़ और मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद FIR दर्ज

पीड़िता ने कहा कि वह दो घंटे तक पुलिस स्टेशन में इंतजार करती रही और तब तक उसके साथ छेड़छाड़ और मारपीट का एक वीडियो वायरल हो गया। उन्होंने बताया कि एबीवीपी के कई सदस्य पुलिस स्टेशन पहुंचे और पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने के लिए दबाव डाला। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की और प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई।

मुख्य आरोपी का पिता गिरफ्तार, मां-बेटे की तलाश कर रही पुलिस

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और मुख्य आरोपी के पिता को गिरफ्तार कर लिया है, क्योंकि महिला की शिकायत में उसका भी नाम था। एफआईआर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 354 (छेड़छाड़), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और 509 (अभद्र भाषा) के तहत दर्ज की गई थी। हम मुख्य आरोपी और उसकी मां को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रहे हैं।” पुलिस ने कहा कि घटना रविवार दोपहर करीब 2.30 बजे हुई जब महिला एबीवीपी के एक कॉलेज के राष्ट्रीय छात्र दिवस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद अपने घर लौटी।

पीड़िता ने कहा- छेड़छाड़ और मारपीट के दौरान कोई मदद के लिए नहीं आया

पीड़िता ने दावा किया कि जब वह अपने घर के पास थी, तो पिछले कुछ दिनों से उसका पीछा कर रहे आरोपी ने सड़क पर उसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की। लड़की ने अपनी शिकायत में कहा, “मैंने पुरजोर विरोध किया, लेकिन उसने मुझे धक्का देकर सड़क पर गिरा दिया और बार-बार अपने पैरों से मुझे मारा। घटना के कई चश्मदीद गवाह थे, लेकिन कोई भी मेरे बचाव में नहीं आया। उसके माता-पिता ने उसे मेरे प्रति अपना अनियंत्रित व्यवहार जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।”

चार दिनों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में आगरा पुलिस की दूसरी ढिलाई

चार दिनों के भीतर यह दूसरी घटना थी जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों में आगरा पुलिस की ओर से कथित ढिलाई सामने आई है। 6 जुलाई को उसी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में एक 17 वर्षीय लड़की की कथित तौर पर आत्महत्या से मौत हो गई, क्योंकि पुलिस ने छेड़छाड़ की प्राथमिकी दर्ज करने के चार महीने बाद भी आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

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बीते दिनों लड़की की आत्महत्या के बाद हरकत में आई थी आगरा पुलिस

उसके पिता ने आरोप लगाया, “लड़की के खिलाफ कथित अपराध जनवरी में आगरा में हुआ और पुलिस ने 17 फरवरी को एफआईआर दर्ज की। लेकिन उन्होंने एफआईआर पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे मेरी बेटी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा।” कथित आत्महत्या के कुछ घंटों के भीतर ही पुलिस ने एफआईआर में नामजद दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। आगरा पुलिस ने घटना के सिलसिले में सजा के तौर पर चार पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन भेज दिया था।