ठाणे से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां मलाड के रियल एस्टेट एजेंट राजेश चुघ के नाम का इस्तेमाल कर उनका 2 एकड़ का प्लॉट बेच दिया गया। दरअसल, धोखाधड़ी करने वाले ने अपने आधार कार्ड पर छेड़छाड़ कर राजेश चुघ के नाम का इस्तेमाल किया था। आधार कार्ड पर धोखाधड़ी करने वाले शख्स की फोटो थी। उसका पता था मगर नाम रियल एस्टेट एजेंट राजेश चुघ का था। राजेश चुघ असल में उस प्लॉट के मालिक थे। आरोपी ने आधार कार्ड केंद्र संचालक की मदद से अपने आधार कार्ड पर नाम बदलवा लिया था। मामला सामने आने के बाद एफआईआर दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसमें आधार कार्ड केंद्र संचालक और फर्जी दस्तावेज बनाने वाले दो और लोग शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, चुघ ने 1988 में जमीन खरीदी थी। कुछ लोकल लोग इस जमीन की देखभाल करते थे। चुघ ने कहा कि अक्टूबर में एक स्थानीय शख्स ने फोन कर उनसे पूछा कि क्या उन्होंने प्लॉट बेच दिया है। पुलिस ने कहा कि रिकॉर्ड की जांच से पता चला कि प्लॉट इस घोटाले के मास्टरमाइंड गणेश बाबू भोईर के नाम किया गया था। रजिस्ट्री ऑफिस से पूछताछ में पता चला कि यह रजिस्ट्री अगस्त में की गई थी। प्लॉट बेचने वाले का नाम राजेश लक्ष्मणदास चुघ था लेकिन आधार कार्ड पर फोटो किसी और की थी।

आधार कार्ड पर नाम बदलकर की ठगी

इसके बाद कुलगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई। राजेश चुघ ने अपनी शिकायत में कहा, “किसी ने मेरी फर्जी पहचान बनाई है।” शुरुआत में सभी पेपर सही लग रहे थे हालांकि जांच से पता चला कि प्लॉट बेचने वाले ठग ने जाली आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था। असल में आधार कार्ड दीपक शंकर शिंदे का था। जिसने अपने आधार कार्ड पर अपना नाम बदलकर ‘राजेश लक्ष्मणदास चुघ’ कर लिया था। प्लॉट के मालिक का नाम राजेश चुघ प्लॉट है।

पुलिस ने बताया कि आरोपी को पता था कि आधार कार्ड पर नाम बदलना आसान नहीं है। इसलिए उसने बदलापुर में साई एंटरप्राइजेज के आधार कार्ड केंद्र संचालक भावेश भगत के साथ मिलीभगत की। पुलिस ने कहा कि धोखाधड़ी ऐसी थी कि अधिकारियों के लिए इसका पता लगाना आसान नहीं था। हालांकि जब आधार कार्ड का नंबर सिस्टम में डाला गया तो सारी डिटेल सामने आ गई। फिलहाल आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।