देश में कई राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर आम जनता के बीच कई नेताओं के बारे में चर्चा शुरू हो चुकी है। कई राज्यों के जनप्रतिनिधि अब कुछ ऐसे काम करते दिख रहे हैं, जिसकी वजह से उनके खिलाफ आम जनता खड़े होने लगे हैं। दरअसल, राज्यों के विधानसभा चुनाव के संदर्भ में कुछ नेताओं पर अपने निर्वाचन क्षेत्र में पैसे बांटने का आरोप लगा है। खबरों के मुताबिक, गरीबों के घर में जाकर वोट पाने के लिए पैसे का बंटवारा किया जा रहा है।
इससे साफ होता है कि राजनीतिक दल के नेता पैसों से अपने अपने लिए वोट खरीद रहे हैं। लेकिन आम जनता को अपने दिमाग और बुद्धि से विधानसभा चुनाव में वोट डालना चाहिए, क्योंकि इससे देश का गणतंत्र मजबूत होता है। साथ ही एक अच्छा प्रतिनिधि विधानसभा में जाने के लिए तैयार होता है। इसका लाभ समाज और आखिरकार देश को होता है।
’चंदन कुमार नाथ, गुवाहाटी, असम</p>
व्यावहारिक उपाय
पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक सौ के आंकड़े को छू रही हैं। हमारे देश में पचासी फीसद कच्चे तेल का आयात अन्य देशों से करना पड़ता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बहुत अधिक बढ़ गई हैं। पूर्णबंदी की अवधि में इन दोनों उत्पादों का आयात कम हो गया था, लेकिन अब फिर से आयात को बढ़ाया गया है। हमें अपने विदेशी रिजर्व का बहुत पैसा देना पड़ता है।
इस बड़ी राशि को बचाने के लिए हमें अन्य विकल्पों की तलाश करनी होगी, जैसे कि बिजली, सौर ऊर्जा, पेट्रोल और डीजल में इथेनॉल का उपयोग। इन उत्पादों में बढ़ोतरी के कई उपयोग हैं। मसलन, करों के माध्यम से हमारे खजाने में वृद्धि हो सकती है, लोग सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता देंगे। सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने से तेल की खपत में कमी होगी। इससे तेल के आयात में कमी आएगी और हमारे विदेशी रिजर्व में बचत होगी। इससे उच्च वायु प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी। सड़कों पर वाहनों का भार कुछ हद तक कम हो जाएगा। लेकिन यह तभी संभव है जब तेल की कीमतों में इजाफा करने के बजाय व्यावहारिक उपाय करने होंगे।
’नरेंद्र कुमार शर्मा, जोगिंदर नगर, हिप्र
साइबर जोखिम
भारत सहित अनेक देश साइबर हमले से परेशान है। भारत में साइबर विशेषज्ञों की कमी है। पिछले दिनों भारत समेत कई देश साइबर हमले की चपेट में आए थे। इस तरह के साइबर हमले के बाद इस प्रकृति के अपराधी बड़ी फिरौती की धमकियों से डराते हैं। अक्सर देखा गया है कि हैकरों द्वारा बिटकोइन और डॉलर में फिरौती मांगी जाती है। ‘विंडोज’ आधारित कंप्यूटर प्रणाली को शिकार बनाया जा रहा है। कंप्यूटर के पासवर्ड को हैक किया जाता है।
कंप्यूटर में एंटी वायरस सॉफ्टवेयर के साथ माइक्रोसॉफ्ट की ओर से उपलब्ध किया गया है। कंप्यूटर में सुरक्षा तंत्र लगाना अतिआवश्यक है। साइबर अपराध पर शिकंजा कसने के लिए ज्यादा से ज्यादा साइबर अपराध पुलिस स्टेशन खोलने की आवश्यकता है। सरकार एक सॉफ्टवेयर प्रणाली विकसित कर रही है, लेकिन इस मामले में अभी बहुत कुछ किया जाना जरूरी है।
’कांतिलाल मांडोत, सूरत, गुजरात