आखिरकार 2-जी घोटाले के सभी आरोपी बरी हो गए। इतने सालों से चल रहे घोटाले के मुकदमे को सीबीआई की विशेष अदालत ने इसलिए बरी कर दिया कि अदालत के पास पर्याप्त सबूत नहीं थे। इस मामले के मुख्य आरोपी ए राजा और कनिमोझी थे। जब ये लोग अदालत में पेश होने के लिए आए तो इनके माथे पर कोई शिकन नहीं दिखाई दे रही थी। अब सवाल यह उठता है कि आखिर घोटाला किसने किया और जिस धन अनियमितता की बात की गई थी, वह कहां गया! क्या पैसा हवा खा गई? क्या सिर्फ यह केस चलाने का एक दिखावा भर था?
अब यह सवाल भी लाजिमी है कि इतने सालों तक सीबीआई एक भी सबूत नहीं इकट्ठा कर पाई ओर साथ ही इतना समय भी बर्बाद किया। यह कोई पहला मामला नहीं है कि इतना लंबा केस चलने के बाद आरोपियों को बरी कर दिया गया। इससे पहले ‘हिट एंड रन’ मामले में सबूत के कथित रूप से अभाव के चलते अदालत ने सलमान खान को बरी किया था। आरुषि हत्याकांड में भी मुख्य आरोपियों को बरी कर दिया था। जाहिर है, सीबीआई की कामकाज की शैली पर सवाल उठना तय है।
’जितेंद्र कश्यप, अलीगढ़