प्याज के दाम बढ़ रहे हैं और प्याज अखबारों के पेज तीन के बाद अब पेज एक पर छा रहा है। प्राकृतिक कारणों के प्याज की फसल को हानि हुई है।
जनता की नाराजगी से हर सरकार परेशान है। केंद्र सरकार विदेश से प्याज मंगवा रही है। पाकिस्तान को रोज कोसने वाले, पाक से लोहा लेने वाले वहां का प्याज खाने में कोई संकोच नहीं कर रहे। प्याज कोई बुनियादी और अनिवार्य खाद्य नहीं है जिसके बिना गुजारा न हो सके।
वह स्वाद बढ़ाने के लिए है और उपज कम होने से जनता को धैर्य रख कर प्याज का त्याग करना चाहिए। स्वाद के लिए टमाटर, मिर्च आदि से काम चलाया जा सकता है। नवरात्र में प्याज छोड़ कर ‘पुण्य’ कमाने वाले कम उपज के दिनों में भी प्याज छोड़ पुण्य कमा सकते हैं।
जीवन मित्तल, मोती नगर, दिल्ली</strong>
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