कुछ दिन पहले रटा हुआ भाषण देते हुए राहुल गांधी बोल पड़े कि ‘सूट-बूट वाली सरकार’ उद्योगपतियों की ही चिंता करती है। इस भाषण पर सोनिया गांधी और सारे कांग्रेसियों ने तालियां बजार्इं, लेकिन जनता तो सब कुछ भलीभांति जानती-समझती है। नरेंद्र मोदी ने गुजरात का शासन पंद्रह से भी ज्यादा साल तक चलाया।
इतने वर्षों के बाद भी उनकी निजी संपत्ति में एक साधारण घर और कुछ लाख रुपए ही हैं। उनके भाई, बहन और माताजी आम मध्यवर्गीय जीवन जी रहे हैं। इसमें तनिक भी फर्क नहीं पड़ा। अगर मोदी को सूट-बूट वालों की चिंता होती तो यकीनन आज वे खरबपति होते।
दूसरी अहम बात, पूरे देश में गुजरात के किसानों की वार्षिक आय सबसे ज्यादा है। वहां ‘मोदी राज’ में किसानों ने आत्मह्त्या नहीं की। इतना ही नहीं, देश के दूसरे राज्यों से भी मजदूर गुजरात में लाए जाते हैं।
ऐसे में कोई नादान, अदूरदर्शी, अपरिपक्व सोच वाला ही कहेगा कि मोदी सरकार किसान और मजदूर विरोधी है। वैसे अपनी ही पार्टी के शासन में खरबों रुपयों और डॉलरों के घोटालों के कारण लोकसभा और कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार की वजह से बौखलाए राहुल गांधी का ऐसा बोलना स्वाभाविक है।
हंसराज भट, मुंबई</strong>
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