केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान मैगी के बाजार में फिर से आने का ऐसे बयान दे रहे हैं, जैसे वे उसके बाजार प्रबंधक हों। जबकि संबंधित विभाग और कंपनी इस संबंध में कुछ नहीं कह रही है।

खाद्य मंत्री अगर देश में दालों और प्याज की सस्ती दर पर आपूर्ति का कार्य करते तो अधिक अच्छा होता। जिससे गरीब जनता का कुछ भला तो होता। मैगी से संबंधित काम तो संबंधित विभाग और मैगी के निर्माता देख ही रहे हैं।

यश वीर आर्य, दिल्ली</strong>

 

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