जापान, अमेरिका, इंग्लैंड जैसे देशों की शिक्षा-व्यवस्था पर गौर करें तो एक बात आईने की तरह साफ हो जाती है। वहां राष्ट्रप्रेम की भावना जितनी प्रबल है, उतना ही भ्रष्टाचार कम है।
एक जापानी या चीनी विश्व के किसी कोने में हो उसका राष्ट्रप्रेम अक्षुण्य बना रहता है। आखिर कारण क्या है कि इन देशों के नागरिकों में राष्ट्रप्रेम सर्वोपरि है। अगर हम चाहते हैं कि अपने देश से भ्रष्टाचार का सफाया किया जाए तो यह आवश्यक है कि शिक्षा के बुनियादी ढांचे में बदलाव हो।
हमारे विद्यालयों और विश्वविद्यालयों के सिर्फ कागजी ज्ञान तक सीमित रहने की आवश्यकता की मानसिकता से ऊपर उठने की जरूरत है। ताकि राष्ट्रप्रेम की भावना से संबंधित शिक्षा प्रत्येक विद्यालयों में अनिवार्य रूप से दी जा सके।
धर्मेंद्र दुबे, वाराणसी</strong>
फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करें- https://www.facebook.com/Jansatta
ट्विटर पेज पर फॉलो करने के लिए क्लिक करें- https://twitter.com/Jansatta