मौजूदा केंद्र सरकार अपने कार्यकाल का आखिरी आम बजट, हालांकि इसे अंतरिम बजट कहा जाना ज्यादा सही होगा, पेश करने की तैयारी में है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए उम्मीद है कि राजग सरकार अब तक का सबसे लोकलुभावन बजट पेश करेगी। पिछले साल बजट में सरकार ने जिस प्रकार सबसे ज्यादा महत्त्व कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दिया था उससे उम्मीद है कि इस बार छोटे और मध्यम वर्गीय परिवारों को रियायत मिलेगी। इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, लघु उद्योग और परिवहन क्षेत्र की माली हालत में आज भी कुछ खास सुधार नहीं हुआ। हर बार बजट में आवंटन राशि बढ़ाने के बाद भी इनकी स्थिति जस की तस बनी रही है। सरकार को राशि आवंटन के साथ-साथ इनसे संबंधित नीतियों में भी बदलाव करना चाहिए ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर हो सके।
आम बजट के साथ ही अगर हम प्रस्तावित रेल बजट की बात करें तो पिछले साल लगभग 1.48 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए जाने के बाद भी रेलवे को ब्रॉडगेज नहीं बनाया जा सका है। 18000 किलोमीटर लाइन का दोहरीकरण और 4264 मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग खत्म किए जाने की घोषणा और सभी ट्रेनों में वाईफाई और सीसीटीवी लगाने की घोषणा के बाद भी ये कार्य अधूरे हैं। आज लाखों लोगों को ट्रेन में सफर करने में के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ट्रेन की जनरल ही नहीं, स्लीपर बोगियों में भी लोगों को बैठने तक की जगह नहीं मिलती। कभी-कभी घंटों तक का सफर लोग खड़े होकर तय करने को मजबूर होते हैं। इसलिए इस बार रेलवे को ब्रॉडगेज बनाने के साथ-साथ बजट में इन मूलभूत समस्याओं पर ध्यान देने के सख्त जरूरत है।
इन सबके अलावा केंद्र सरकार के लिए बजट राशि प्रबंधन एक बड़ी चुनौती होगा, बेशक पिछले साल के बजट में कर प्रणाली को लेकर किए गए फैसले से सरकार को राजस्व में काफी बढ़ावा मिला हो। लेकिन केंद्र को राजकोषीय घाटे का भी पूरा ध्यान रखना होगा।
शुभम शर्मा, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश</strong>
बेवजह संदेह: ईवीएम की विश्वसनीयता पर कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने फिर से संदेह जताया है। लंदन में कथित साइबर विशेषज्ञ ने दावा किया है कि 2014 के चुनाव के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ की गई थी। बसपा प्रमुख ने तो मतपत्र से चुनाव कराने की वकालत शुरू कर दी है। विपक्षी पार्टियां और कांग्रेस इस तरह सनसनी फैला कर आखिर क्या हासिल करना चाहती हैं? भारतीय निर्वाचन आयोग एक प्रतिष्ठित संस्था है जिसकी साख को पूरी दुनिया मानती है और उसे महत्ता प्रदान करती है। अपने संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ के लिए ईवीएम पर बेवजह संदेह करते हुए चुनाव आयोग पर कीचड़ उछालना निम्न स्तर की राजनीति है जिससे परहेज किया जाना चाहिए।
ललित महालकरी, इंदौर, मध्यप्रदेश
किसी भी मुद्दे या लेख पर अपनी राय हमें भेजें। हमारा पता है : ए-8, सेक्टर-7, नोएडा 201301, जिला : गौतमबुद्धनगर, उत्तर प्रदेश
आप चाहें तो अपनी बात ईमेल के जरिए भी हम तक पहुंचा सकते हैं। आइडी है : chaupal.jansatta@expressindia.com