नेपाल में संविधान निर्माण की यात्रा अनेक जटिलताओं, उलझनों और बाधाओं की साक्षी रही है। देश की शासन-व्यवस्था, शासन के स्वरूप आदि बिंदुओं पर सभी दलों में सहमति बनाने के प्रयास किए गए ताकि नया संविधान सुस्पष्ट, सुस्थिर और सुफलदायक प्रमाणित हो। संविधान सभा के इन प्रयासों को काफी हद तक सफलता भी मिली लेकिन पूरी तरह नहीं। संविधान पर हुए मतदान में हिस्सा न लेकर मधेसी और थारू समुदायों ने अपनी असहमति प्रकट की।
जहां संविधान लागू होने पर काठमांडो में जश्न मनाया गया वहीं तराई प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों और कर्फ्यू का माहौल बना रहा। इससे नेपाल के नए भंवर में फंसने की आशंका है। उम्मीद है, नए संविधान में पर्याप्त संशोधन कर नेपाल के सभी नागरिकों के हितों का खयाल रखा जाएगा।
प्रियंका वैष्णव, अलवर
फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करें- https://www.facebook.com/Jansatta
ट्विटर पेज पर फॉलो करने के लिए क्लिक करें- https://twitter.com/Jansatta