पाकिस्तान को दुनिया आतंकवादी देश के रूप में जानती है क्योंकि ज्यादातर आतंकियों का संबंध कहीं न कहीं पाकिस्तान से होता है। मगर इस बार पाकिस्तान के आम चुनावों में जो नजारा देखने को मिला है उससे पता चलता है कि वहां पर आतंक के बीच भी लोकतंत्र जिंदा है। पाकिस्तान ने चुनावों में सबसे बड़ा फैसला 125 ट्रांसजेंडर को मतदान केंद्रों पर पर्यवेक्षक बना कर किया। इससे पता चलता है कि जो पाकिस्तान पहले महिलाओं को उनके अधिकार नहीं देता था अब वह ट्रांसजेंडर को भी देश के लोकतंत्र में भागीदार बना रहा है। बहुत सारे गांव ऐसे भी थे जहां महिलाओं ने पहली बार वोट डाले।

पाकिस्तान की जनता भी तारीफ की हकदार है क्योंकि लोकतंत्र के खिलाफ सक्रिय जमातों ने चुनाव से पहले धमाके कराए लेकिन फिर भी जनता को वोट डालने से नहीं रोक पाए। लोगों ने जान की बाजी लगाकर व बारूद के ढेर पर चल कर लोकतंत्र को ही सर्वोच्च माना।
’मौहम्मद अली, नई दिल्ली</strong>

भूख से मौत
दिल्ली में भूख के कारण तीन बच्चियों की मौत होना बेहद अफसोसनाक है। झारखंड हो या मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश हो या कोई अन्य राज्य, यह अत्यंत दुखद है कि लोग भूख से मर रहे हैं और हम दुनिया का ताकतवर मुल्क बनने में लगे हैं! एक तरफ बहुत बड़ी आबादी गरीब है जिसके पास दो वक्त के दाना-पानी का जुगाड़ नहीं है और दूसरी तरफ दुनिया के रईसों में हर बरस भारतीयों के शामिल होने की सुर्खियों पर हम खुश होते हैं।

आजादी के सात दशक बाद भी हमारे देश में सामाजिक असमानता की बहुत गहरी खाई मौजूद है जिसमें भुखमरी, बेरोजगारी, बीमारियों से हजारों जिंदगियां खत्म हो रही हैं। इसके लिए सरकार के साथ ही हमारा समाज भी जिम्मेदार है। ऐसी घटनाएं फिर न हों इसके लिए समाज को भी आगे आकर पहल करनी होगी।
’संदीप भट्ट, खंडवा, मध्यप्रदेश